Shimla. शिमला। इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज व अस्पताल में आपात स्थिति में आए मरीजों की टेस्ट की रिपोर्ट देरी से मिलती है। सरकार द्वारा अधिकृत क्रसना निजी लैब से मरीजों को टेस्ट रिपोर्ट समय पर नहीं मिल रहीं हैं। इस कारण अस्पताल में एमर्जेंसी में उपचार करवाने आए मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। ये ही नहीं, आईजीएमसी में रात के आठ बजे के बाद मरीजों के लिए क्रसना लैब का प्रावधान है। एमर्जेंसी में उपचार करवाने आए मरीजों को सैंपल टेस्ट करने के लिए क्रसना लैब भेजा जाता है, जहां पर मरीजों को 6 घंटे बाद रिपोर्ट लेने को कहा जाता है और वहां समय से रिपोट्र्स नहीं मिलती है, जिससे एमर्जेंसी में आए मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। आईजीएमसी के क्रसना लैब के इंचार्ज ने बताया कि इलेक्ट्रिसिटी कट के कारण थोड़ा समय लग गया। आमतौर पर समय पर ही रिपोर्ट आ जाती है और मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।
अस्पताल में गुरुवार को भी यही स्थिति देखने को मिली, जहां मरीजों ने सैंपल क्रसना लैब में दिए। और उन्हें छह घंटे बाद रिपोर्ट लेने को कहा गया। यही नहीं, जब मरीज सुबह 6 बजे अपनी रिपोर्ट लेने जाते हैं तो मरीजों हर आधे घंटे में आने को कहा जाता है। ऐसा ही एक वाक्या गुरुवार को हुआ, जब एमर्जेंसी में रात 8 बजे के करीब मदन शर्मा नाम का मरीज अस्पताल में आया। चैकअप करवाने के बाद ब्लड टेस्ट किया गया, जिसका सैंपल क्रसना लैब में दिया गया। नौ बजे के करीब क्रसना लैब में टेस्ट के सैंपल दिए गए। जहां उन्हें छह घंटे बाद रिपोर्ट लेने को कहा गया। सुबह के 6 बजे जब सैंपल कलेक्शन में रिपोर्ट लेने पहुंचे तो कुछ रिपोर्ट दी और कुछ रिपोर्ट के लिए आधे घंटे बाद आने को कहा गया। रिपोर्ट क्यों नहीं आई और रिपोर्ट कब तक आएगी प्रश्न पर आधे घंटे बाद आना को कहा गया। आधा घंटा बोल कर 10 बज गए और रिपोर्ट नहीं मिली। फिर जाकर 10:30 के करीब उन्हें रिपोर्ट मिली, जिस कारण उनके उपचार में देरी और परेशानियों का सामना करना पड़ा।