छात्रों के परिजनों ने लाखों रुपये की फीस के लिए या तो लोन लिया या फिर अपनी जमा पूंजी लगाई और अपनी एफडी तक तोड़ दी, बस इसी उम्मीद में की बेटा यहां पढ़कर इंजीनियरिंग में जरूर सिलेक्ट हो जाएगा। शांतनु नाम के एक छात्र के पिता ने बताया कि वह एक प्राइवेट नौकरी करते हैं और बेटे को इंजीनियर बनाने का सपना देखा है। इसलिए लोन लेकर उसे कोचिंग में एडमिशन दिलवाया था। इससे 1 लाख रुपये महीने का खर्च बढ़ गया। लेकिन तसल्ली थी कि यहां पढ़कर बेटा इंजीनियर बन जाएगा। पर ब निराश होना पड़ रहा है।शांतनु की तरह ही हजारों छात्रों के अभिभावक भी परेशान घूम रहे हैं। उन्होंने गाजियाबाद, नोएडा में एफआईआर भी दर्ज कराई है। छात्रों के मुताबिक फिटजी आईआईटी जेईई का बेस्ट कोचिंंग सेंटर माना जाता है। कोचिंंग की फीस लगभग सात लाख रुपये है। अगर बच्चों को स्कॉलरशिप मिलता है, तो भी आधे से ज्यादा रकम जमा करनी होती थी। पिछले सात सितंबर में इंस्टीट्यूट ने पैसा एडवांस ले लिया था।
इसके अलावा अब अन्य नामी कोचिंग सेंटर फिटजी के बंद होने का फायदा उठा रहे हैं और छात्रों के परिजनों को फोन कर उनको दाखिले के लिए बुलाया जा रहा है और मनमानी रकम भी वसूली जा रही है। बंद कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले कई टीचर ऐसे भी हैं, जिनको पांच-पांच महीने से तनख्वाह नहीं मिली है।० उनसे कहा गया था कि जल्द ही पूरी सैलरी उन्हें एक साथ मिल जाएगी। लेकिन अभी तक उन्हें भी भुगतान नहीं किया गया है।