57 प्रतिशत लोग आम बजट 2025-26 में इनकम टैक्स की दरों में चाहते हैं कटौती : सर्वे

Update: 2025-01-26 12:10 GMT

दिल्ली। बजट से पहले हुए एक सर्वे में बताया गया है कि आम बजट 2025-26 में 57 प्रतिशत करदाता इनकम टैक्स की दरों में कटौती चाहते हैं। बजट एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किया जाएगा। कंसल्टिंग एवं सर्विस फर्म ग्रांट थॉर्नटन भारत द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार, 57 प्रतिशत लोग इनकम टैक्स की दरों में कटौती के पक्ष में थे। वहीं, 25 प्रतिशत लोग अधिक टैक्स छूट के पक्ष में थे।

ताजा आंकड़ों के अनुसार, एक बड़ी संख्या में करदाताओं ने नई पर्सनल टैक्स (डिफॉल्ट) रिजीम को अपनाया है। मौजूदा समय में 72 प्रतिशत लोगों ने नई टैक्स रिजीम को चुना है, जबकि 28 प्रतिशत ही लोग पुरानी टैक्स रिजीम में बने हुए हैं। सर्वे में बताया गया कि नई टैक्स रिजीम को और आकर्षक बनाने के लिए 46 प्रतिशत लोग टैक्स की दरों को कम करने के पक्ष में हैं। 26 प्रतिशत का मानना है कि टैक्स छूट की लिमिट को बढ़ा देना चाहिए। सर्वे में बताया गया कि सरकार के इस संकेत के बावजूद कि ओल्ड टैक्स रिजीम को आने वाले समय में समाप्त किया जा सकता है, लेकिन 63 प्रतिशत करदाता अभी भी ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत मिलने वाली टैक्स छूट में वृद्धि चाहते हैं।

ग्रांट थॉर्नटन भारत के प्री-बजट सर्वे के अनुसार कि 38 प्रतिशत लोग विदेशी बैंकों के माध्यम से कर भुगतान करने का विकल्प चाहते हैं, जिससे एनआरआई के लिए अनुपालन आसान हो जाएगा। विदेशी बैंकों को कर रिफंड को बेहतर ढंग से संचालित करने और विदेश में रहने वाले करदाताओं के लिए विदेशी मोबाइल नंबरों पर ओटीपी भेजने के साथ ई-सत्यापन के उपयोग की भी आवश्यकता है। सर्वे में आगे कहा गया कि घरेलू कर के संदर्भ में 56 प्रतिशत लोगों ने छोटे करदाताओं पर टैक्स के बोझ को कम करने के लिए टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए आय सीमा में वृद्धि की मांग की। लगभग 32 प्रतिशत लोगों ने अपडेटेड टैक्स रिटर्न के मामले में लागू अतिरिक्त टैक्स में कमी की इच्छा जताई और 12 प्रतिशत ने रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के लिए प्रदान की गई समयसीमा में विस्तार की इच्छा जताई।

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