चाय बोर्ड का फैसला, उम्दा घरेलू चाय में घटिया चाय को मिलाने पर लगाया प्रतिबंध

Update: 2021-11-11 15:00 GMT

चाय बोर्ड ने कहा सभी चाय आयातकों को बताना होगा कि उन्होंने किस देश से आयात किया

नई दिल्ली। घटिया आयातित चाय अब घरेलू स्वादिष्ट चाय का स्वाद नहीं बिगाड़ सकेगी। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के अधीन काम करने वाले चाय बोर्ड ने उम्दा घरेलू चाय में घटिया चाय को मिलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में नए नियम भी जारी कर दिए गए। नियम नहीं मानने वालों के खिलाफ कानून के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।

चाय बोर्ड ने कहा है कि किसी भी चाय विक्रेता को दार्जिलिंग, कांगड़ा, असम व नीलगिरि की उम्दा चाय में आयातित चाय की मिलावट की अनुमति नहीं होगी। सभी चाय आयातकों को अपने बिक्री बिल पर यह बताना होगा कि उन्होंने किस देश से आयात किया है। आयातित चाय को भारतीय बताकर उसकी बिक्री की भी पूरी मनाही होगी। चाय के सभी वितरकों को निर्देश दिया गया है कि घरेलू खपत के लिए उत्तम गुणवत्ता वाली भारतीय चाय में निम्न गुणवत्ता वाली विदेशी चाय की मिलावट बंद करें।
वहीं, दार्जिलिंग चाय के उत्पादकों से कहा गया है कि वे भौगोलिक पहचान (जीआइ) वाले एरिया से बाहर की ग्रीन लीफ चाय की खरीदारी नहीं करें। इस नियम के सख्ती से पालन के लिए चाय बोर्ड की तरफ से चाय विक्रेता व वितरकों के यहां से नमूने लेने का काम शुरू हो गया है।
चाय बोर्ड को दार्जिलिंग व असम चाय में नेपाल से आयातित चाय की मिलावट और बिक्री की शिकायत मिली थी। बोर्ड ने कहा कि बाजार में इन दिनों चाय के आयात में बड़ी बढ़ोतरी हो रही है जो घरेलू चाय उद्योग को प्रभावित कर रही है। लेकिन यह सही नहीं है। उल्लेखनीय है कि भारत में चाय के आयात की मात्रा बहुत अधिक नहीं है। देश जितनी चाय का उत्पादन करता है, उसका महज दो प्रतिशत हिस्सा आयात किया जाता है। चाय आयात का मुख्य उद्देश्य दोबारा निर्यात करना रहता है। हालांकि उसका बड़ी मात्रा में घरेलू चाय में मिलावट के लिए भी उपयोग किया जा रहा है।


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