Shimla. शिमला। हिमाचल में एचआईवी जांच को लेकर इस साल तीन लाख 50 हजार परीक्षण होंगे। स्वास्थ्य विभाग एचआईवी संक्रमण का पता लगाने के लिए इस जांच अभियान को पूरा करने वाला है। दरअसल, विभाग को नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (एनएसीओ) ने करीब आठ हजार एचआईवी संक्रमित लोगों की पहचान करने का लक्ष्य दिया है। हिमाचल में इस समय 5870 एचआईवी संक्रमित लोग रह रहे हैं और पिछले साल एचआईवी की पहचान का लक्ष्य 7200 था। प्रदेश में इस साल अभी तक 404 नए मामले सामने आ चुके हैं। हिमाचल में एचआईवी संक्रमित लोगों की मृत्यु दर माइनस 84 प्रतिशत है, जबकि एचआईवी संक्रमण के मामले में भारत दुनिया भर में दूसरे नंबर पर पहुंच चुका है। जांच रिपोर्ट के अनुसार भारत में इस समय 25 लाख 44 हजार एचआईवी संक्रमित मरीज हैं।
हिमाचल में बड़ी संख्या में युवा एचआईवी पाजीटिव पाए जा रहे हैं। जो नए मामले सामने आए हैं, उनमें ज्यादातर की उम्र 15 से 49 साल के बीच में हैं और बड़ी संख्या में युवा नशे करने की लत की वजह से एचआईवी का शिकार हो रहे हैं। राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी ने दो ओएसडी सेंटर खोले हैं। इनमें पहला सेंटर ऊना में है, दूसरा सेंटर नूरपुर में खोला गया है। इन सेंटर में एचआईवी संक्रमित ऐसे मरीजों को भेजा जा रहा है, जो नशे के आदि हो चुके हैं। एड्स नियंत्रण सोसायटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर राजीव कुमार ने बताया कि एचआईवी संक्रमण को लेकर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। गर्भवती महिलाओं की एचआईवी जांच अनिवार्य कर दी गई है। मेलों और खुले बाजारों में बिना सुई बदले टैटू गुदवाने वालों को एड्स कंट्रोल सोसायटी ने अलर्ट किया है। सोसायटी के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डा. ललित के अनुसार टैटू से 100 फीसदी एचआईवी होने के चांस रहते हैं। टैटू बनाते समय सुई अंदर तक धंस जाती है और यह सीधे खून के संपर्क में आती है।