मछुआरों की प्रतिबंधित मछली पकड़ने के जालों और हाई पावर मोटर को बंद करने की मांग
चेन्नई: चेन्नई में मछुआरा संगठनों ने मत्स्य विभाग से प्रतिबंधित मछली पकड़ने के जालों, चीन के हाई पावर मोटरों पर रोक लगाने की मांग की है। मछुआरा संघ के नेताओं के अनुसार, इनके उपयोग से मछली की संख्या में कमी हो गई है। जिस वजह से कई नौकाएं मछली पकड़े बिना खाली वापस लौट रही हैं या बहुत मामूली सी मछली लेकर लौट रही हैं।
तमिलनाडु के मछुआरा संघ के एक नेता थंकासेल्वम ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, मछली पकड़ने पर प्रतिबंध खत्म होने के बाद कुछ मशीनी नौकाएं समुद्र में चली गईं, जबकि अधिकारियों ने खराब मौसम के कारण 20 जून तक मछली पकड़ने की अनुमति नहीं दी है। हालांकि, भारतीय सीमा में वे 80 से 100 किलोग्राम मछली पकड़ने में सफल रहे। इससे पहले मछुआरे लगभग 250 किलोग्राम मछली पकड़ लेते थे, जो पहले के दिनों की तुलना में कम हैं।
उन्होंने कहा कि मछली पकड़ने के प्रतिबंधित जालों और चीन की हाई स्पीड मोटरों के इस्तेमाल से समुद्र में मछलियों की संख्या घट रही है। फेडरेशन ऑफ ऑल मैकेनाइज्ड बोट फिशरमैन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एनजे बोस ने मीडियाकर्मियों को बताया कि मुख्य रूप से प्रतिबंधित मछली पकड़ने के जाल के उपयोग के कारण मछलियां कम हो रही हैं। मछुआरा नेताओं ने राज्य और केंद्र सरकारों से उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आह्वान किया है, जो मछली पकड़ने के लिए प्रतिबंधित जालों का उपयोग कर रहे हैं। मछुआरों ने यह भी कहा कि बड़े जहाजों से निकलने वाले प्रदूषण और कचरे का डंपिंग समुद्र में मछलियों की मौजूदगी के लिए बड़ी समस्या पैदा कर रहा है। भारत सरकार समुद्र में कचरे के डंपिंग के बारे में जागरूकता पैदा करे।