शिमला। सार्वजनिक-निजी भागीदारी से (पीपीपी मोड) प्रदेशभर में टैली मानस कॉल सैंटर खोले जाएंगे, जिसमें मानसिक रोगियों व उनके सहायकों से समस्या जान कर उपचार व परामर्श की सुविधा प्रतिदिन 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। प्रारंभ में इसके लिए आठ मनोचिकित्सक तैनात किए जाएंगे और प्रदेश में रोगियों की संख्या एवं मांग के आधार पर केंद्रों व चिकित्सकों की संख्या को बढ़ाने का भी प्रावधान किया गया है। यह बात स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डाॅ. कर्नल धनी राम शांडिल ने गुरुवार को शिमला से प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल व गुणात्मक उपचार के लिए केंद्र प्रायोजित टैली-मानस कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत किसी भी प्रकार की मानसिक या भावनात्मक समस्या के निदान के लिए टोल फ्री नंबर-14416 या 1800-891-4416 पर कॉल कर टैली मानस केंद्र में संपर्क कर मनोचिकित्सक या डॉक्टर से उपचार परामर्श प्राप्त किया जा सकेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रोगियों को सुलभ एवं गुणात्मक मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं भौतिक एवं ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध होंगी।
जिसमें राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और स्नायु विज्ञान संस्थान बेंगलुरू तथा आई.आई.आई.टी. बेंगलुरू तकनीकी सहयोग प्रदान करेंगे। इसके लिए इंस्टीच्यूट ऑफ ह्यूमन बीहेवियर एंड एलाइड साईंसिज, दिल्ली को प्रदेश का क्षेत्रीय समन्वय केंद्र निर्धारित किया गया है और यह केंद्र क्षमता निर्माण में हिमाचल की मदद करेगा। इस कार्यक्रम के लिए आईजीएमसी शिमला संरक्षक संस्थान के रूप में कार्य करेगा और राज्य विशिष्ट प्रोटोकॉल व दिशा-निर्देश विकसित करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मनोचिकित्सा सेवा शुरू करने के लिए केंद्र द्वारा 1.06 करोड़ रुपए का अनुदान प्रदान किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कार्यक्रम के तहत किशोर वर्ग के स्कूली और महाविद्यालय स्तर के छात्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन सहित विद्यालय व महाविद्यालयों में युवाओं में बढ़ते दबाव को कम करने में यह कार्यक्रम उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों व जिला के मुख्य चिकित्साधिकारियों से वीडियो कांफ्रैंस के माध्यम से टैली मैंटल हैल्थ सॢवसिज बारे व्यापक चर्चा भी की। प्रदेश में इस प्रणाली के सफल क्रियान्वयन के लिए उन्होंने इसके समुचित प्रचार-प्रसार बारे आवश्यक निर्देश भी दिए। स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी ने कहा कि विद्यालयों व महाविद्यालयों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाना आवश्यक है।