तालिबान के मौत के दस्ते अश्लील साइटों को खंगाल रहे हैं।
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान के लड़ाके अब वेश्याओं की किल लिस्ट बना रहे हैं।
काबुल
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान के लड़ाके अब वेश्याओं की किल लिस्ट बना रहे हैं। माना जा रहा है कि तालिबान इन सेक्स वर्कर्स को सार्वजनिक रूप से मौत की सजा दे सकता है। यह भी आशंका जाहिर की गई है कि तालिबान इन वेश्याओं को अपने आनंद के लिए प्रताड़ित भी कर सकता है। तालिबान के आतंकी महिलाओं को सिर काटने, पत्थर मारने या लटकाए जाने से पहले उनका बलात्कार भी करते हैं।
अश्लील साइट खंगाल रहे तालिबानी
द सन की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के मौत के दस्ते अश्लील साइटों को खंगाल रहे हैं। तालिबान लड़ाकों के हाथ कुछ ऐसे वीडियो भी लगे हैं, जिसमें अफगान वेश्याएं पश्चिमी देशों के पुरुषों के साथ संबंध बनाती दिखाई देती हैं। जिसके बाद से तालिबान इन महिलाओं की पहचान के लिए व्यापक अभियान चला रहा है। 1996 से 2001 तक तालिबान के शासन में भी कई ऐसी महिलाओं को सार्वजनिक मौत दी गई थी।
इन महिलाओं की सार्वजनिक हत्या करने का प्लान!
एक सूत्र के हवाले से बताया गया है कि तालिबान लड़ाके वेश्याओं की खोज के लिए पाखंड को प्रदर्शित कर रहे हैं।वे अश्लील साहित्य की निंदा करने का दिखावा करते हैं, लेकिन खुद उसका पालन नहीं करते। तालिबान लड़ाके अफगान वेश्याओं की पहचान के लिए एडल्ट साइट्स की गहराई से छानबीन कर रहे हैं। ताकि वे इन महिलाओं को पकड़कर या तो मार डाले या अपना गुलाम बना सकें।
पिछले शासन में भी तालिबान ने ढाया था कहर
यह भी कहा गया है कि इन वीडियो में वेश्यालयों का स्पष्ठ ठिकाना दिखाई दे रहा है। ऐसे में इन महिलाओं को अब सबसे भयानक तरीकों से अपहरण या हत्या के गंभीर खतरे में कल्पना की जा सकती है। तालिबान ने 90 के दशक में भी अफगानिस्तान पर शासन करने के दौरान कई महिलाओं को बेरहमी से मार डाला था और उन्हें प्रताड़ित भी किया था। अब फिर से तालिबान शासन आने के बाद इन्हीं महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा खतरा जताया जा रहा है।
अवैध संबंध रखने वाली महिलाओं को मार देता है तालिबान
तालिबान ने पिछले 20 साल से अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में शातिर रणनीति जारी रखी है। तालिबान लड़ाके शादी से बाहर यौन संबंध रखने के लिए महिलाओं की हत्या कर देते हैं। हालांकि वे खुदपर और स्थानीय पुरुषों पर इस कानून को लागू नहीं करते हैं। आम नागरिकों को सजा देते समय तालिबान लड़ाके शारीरिक दंड का सहारा लेते हैं।