टी सीरीज के प्रेसिडेंट विनोद भानुशाली का कंपनी छोड़ने के फैसले से मुंबई फिल्म और म्यूजिक इंडस्ट्री चौंक गई है। हालांकि, इस दिन की तैयारी विनोद काफी अरसे से कर रहे थे। माना जाता है कि वह अपनी खुद की कंपनी शुरू करने का मन काफी पहले से बना रहे थे और हाल के दिनों में हुए घटनाक्रम ने उनके फैसले को बस थोड़ा तेज कर दिया। विनोद भानुशाली को हमेशा ही टी सीरीज की बैकबोन माना गया। उन्होंने ही इस कंपनी को इस कारोबार की बुलंदियों तक पहुंचाने में अहम भूमिका भी निभाई। टी सीरीज के यूट्यूब चैनल के 19 करोड़ ग्राहक जो बने है, उसमें उनकी दिन रात की मेहनत शामिल रही है। टी सीरीज में अपनी सेवा के दौरान वह एक हजार से अधिक फिल्मों के विपणन से भी जुड़े रहे।
अपने इस फैसले की वजह पूछे जाने पर विनोद भानुशाली कहते हैं, 'एक तरह से देखा जाए तो मेरा असली करियर टी सीरीज से ही शुरू हुआ। इस कंपनी को छोड़ना मेरे लिए एक बहुत ही भावुक पल है। फिल्मों और संगीत के बारे में जो कुछ भी मेरी जानकारी है, सब मैंने इसी कंपनी में सीखा। मैं अपने पथप्रदर्शकों गुलशन कुमार व भूषण कुमार का इसके लिए सदा एहसानमंद रहूंगा। लेकिन हर अलविदा के साथ एक नया कदम भी नए सफर के लिए आगे बढ़ता है। मैं अपने खुद के बूते जो भी शुरू करने जा रहा हूं उसे लेकर मैं बहुत उत्साहित हूं और जल्द ही इसके बारे में मैं एलान भी करूंगा।'
विनोद भानुशाली को शुरू से जानने वाले जानते हैं कि कैसे मुंबई कस्टम डॉक्स में उन्होंने एक क्लीयरिंग और फॉरवर्डिंग एजेंट के नाते करियर शुरू किया और वहां से सहारा स्टूडियो में एक एसोसिएट की तरह आकर अपना मनोरंजन जगत का सफर शुरू किया। यहीं उनकी संयोगवश गुलशन कुमार से मुलाकात हुई और साल 1994 में गुलशन कुमार उन्हें अपने साथ टी सीरीज लेकर आ गए। गुलशन कुमार से ही विनोद ने कारोबार के शुरूआती सबक सीखे और गुलशन कुमार ने ही उन्हें अपनी कंपनी के उत्पादों की मार्केटिंग की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। विनोद के करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा सलमान खान पर फिल्माया गया गाना 'ओ ओ जाने जाना',जिसे उन्होंने चैनल वी पर एक्सक्लूसिव तरीके से प्रीमियर किया। यहीं से टी सीरीज म्यूजिक कंपनी का लोक संगीत, भक्ति संगीत और क्षेत्रीय संगीत से फिल्म संगीत का असली सफर शुरू माना जाता है।
फिर जब डिजिटल का जमाना आया तो विनोद भानुशाली ने टी सीरीज में तमाम नए प्रयोग किए। साल 2006 में ही टी सीरीज ने अपने गानों की लाइसेंसिंग की शुरूआत की और इसके बाद तो डिजिटल डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और पब्लिशिंग की शुरूआत करके विनोद ने टी सीरीज के मुनाफे में दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की जोड़ दी। सोनू निगम के अलबम 'दीवाना' और अदनान सामी के अलबम 'तेरा चेहरा' के जरिए टी सीरीज को कैसेट और सीडी के दौर की अव्वल नंबर कंपनी बनाने वाले विनोद ने डिजिटल दौर में गुरु रंधावा, जुबिन नौटियाल और ध्वनि भानुशाली को पेश करके कंपनी को यूट्यूब पर भी अव्वल नंबर बना दिया।