सुप्रीम कोर्ट का फैसला, गर्मी की छुट्टियों के दौरान 2500 से अधिक मामलों के निपटारे का रखा लक्ष्य, पढ़े पूरी जानकारी
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गर्मी की छुट्टियों के दौरान 2500 से अधिक मामलों के निपटारे का लक्ष्य रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए पांच अतिरिक्त पीठ का गठन कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ के साथ ही ये अतिरिक्त पीठ मामलों की सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने ग्रीष्मावकाश के दौरान जिन मामलों की सुनवाई की जानी है, उनकी सूची भी जारी कर दी है.
सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी की गई सूची में अधिकतर ऐसे मामले हैं, जो 2010 से अब तक लंबित हैं. सूची के मुताबिक अधिकतर मामले आपराधिक, सिविल या कंपनी लॉ से संबंधित हैं. सुप्रीम कोर्ट का इतिहास देखें तो गर्मी की छुट्टियों में इतनी बड़ी संख्या में पीठ के काम करने का यह अवसर ऐतिहासिक होगा. ऐसा इसलिए, क्योंकि अब तक एक या दो अवकाशकालीन पीठ केवल अर्जेंट मामलों की सुनवाई करती थी. अर्जेंट मामलों में जमानत, स्टे ऑर्डर, तोड़फोड़ की कार्रवाई या जिंदगी और मौत के मामले आते हैं.
सुप्रीम कोर्ट अगले शुक्रवार के बाद से ग्रीष्मकालीन अवकाश पर रहेगा. गर्मी की छुट्टी 21 मई से 10 जुलाई तक रहेगी. सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक यह तय किया गया है गर्मियों की छुट्टियों में जिन मामलों पर सुनवाई होगी, उनमें स्थगन नहीं दिया जाएगा. यदि वकील इन मामलों में किसी तरह का समय चाहते हों तो इसके लिए उन्हें 20 मई तक आवेदन देना होगा. बिना आवेदन दिए अगर संबंधित मामलों के वकील कोर्ट में पेश नहीं हुए तो कोर्ट अपनी तरफ से मुकदमों का निपटारा कर देगा. यह भी मुमकिन है कि बिना कारण बताए या सूचना दिए वकील अनुपस्थित रहे तो मुकदमे का निपटारा करते समय कोर्ट याचिका खारिज ही कर दे.
इस आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट के वकीलों में हलचल बढ़ गई है. वकील अब अपनी गर्मी की छुट्टियों को इसी तरह से शेड्यूल कर रहे हैं कि सूचीबद्ध हुए मुकदमों में पेश हो सकें. सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड के मुताबिक इस साल 2 मई तक सर्वोच्च न्यायालय में 70572 केस लंबित हैं. सुप्रीम कोर्ट प्रशासन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बीते सालों में अवकाशकालीन पीठ बारी-बारी से बैठती थी लेकिन इस बार ये पांच बेंच एक साथ या बारी-बारी से अलग-अलग तारीखों पर बैठ सकती हैं. इन विशिष्ट पीठों के अलावा अवकाशकालीन मुकदमे सुनने के लिए नियमित बेंच अलग होंगे.
माना तो यह भी जा रहा है कि गर्मी की छुट्टियों में इतनी पीठ बिठाकर काम करने का कोर्ट का फैसला उसके लंबे-लंबे अवकाश के कारण लगातार हो रही आलोचना को लेकर है. सूत्रों के मुताबिक गर्मी छुट्टियों में अवकाशकालीन बेंच सिर्फ अर्जेंट मुकदमे लेगी. अर्जेंट मुकदमों की सुनवाई के लिए वकील को हलफनामा भी देना पड़ेगा जिसमें यह बताना होगा कि आखिर किस नजरिए से उनका मुकदमा अर्जेंट मामलों की श्रेणी में आता है.
साभार: आजतक