सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांग छात्रों की आनलाइन कक्षाओं पर केंद्र सरकार को भेजा नोटिस
सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उस याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा, जिसमें दिव्यांग छात्रों को आनलाइन कक्षाओं में दूसरों के साथ समान रूप से भाग लेना सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है। जस्टिस एएम खानविलकर, संजीव खन्ना और जेके माहेश्वरी की पीठ ने जावेद आबिदी फाउंडेशन द्वारा दायर जनहित याचिका पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और उच्च शिक्षा विभाग को नोटिस जारी किया।
शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को सभी आवेदनों को सरकारी अधिकारियों को देने और उनके जवाबों को रिकार्ड में रखने का निर्देश दिया और याचिकाकर्ता को दो सप्ताह के भीतर याचिका में संशोधन करने की अनुमति दी।
फाउंडेशन ने सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और शैक्षणिक संस्थानों से दिशा-निर्देश मांगा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दिव्यांग छात्र आनलाइन कक्षाओं में दूसरों के साथ समान रूप से भाग लें।
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जनहित याचिका में कोरोना महामारी के दौरान शैक्षणिक संस्थानों द्वारा आनलाइन कक्षाओं और परीक्षाओं के संचालन के संबंध में दिव्यांग छात्रों की समानता और जीवन के मौलिक अधिकार के संरक्षण की भी मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है कि विश्वविद्यालय, कालेज दिव्यांग छात्रों के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों पर विचार किए बिना और उनकी पहुंच की जरूरतों को पूरा किए बिना महामारी के दौरान आनलाइन कक्षाएं आयोजित कर रहे हैं। दिव्यांग छात्र दयनीय स्थिति में हैं और उन छात्रों की व्याख्यान, अध्ययन सामग्री या सहायता तक पहुंच नहीं है।