आसाराम बापू को बलात्कार मामले में अंतरिम जमानत मिली, पर...
ये भी आदेश दिए गए.
नई दिल्ली: नाबालिग के साथ रेप के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम बापू को मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत मिली है. अपने ही गुरुकुल की छात्रा से यौन दुराचार के मामले में जिंदगी की आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा काट रहे आसाराम को सुप्रीम कोर्ट ने 15 मार्च तक के लिए मेडिकल ग्राउंड पर जमानत दी है.
आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल से भगत की कोठी में बने आरोग्य चिकित्सा केंद्र में भर्ती किया गया है, जहा उसका इलाज हो रहा है. आसाराम दिल का मरीज है और उसे हार्ट अटैक भी आ चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर दी गई जमानत के वक्त पुलिसवालों की तैनाती के भी आदेश दिए हैं.
जानकारी के मुताबिक, आसाराम को जमानत देते वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लागू की हैं. इसमें एक शर्त यह भी है कि वह अपने फॉलोअर्स से मुलाकात नहीं कर सकता है. आसाराम 2013 के रेप मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.
गौर करने वाली बात ये है कि पीड़िता की बहन ने ही आसाराम के बेटे नारायण साईं के खिलाफ भी दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था. इस मामले में नारायण साईं को अप्रैल 2019 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. आसाराम को जिस मामले में सजा सुनाई गई थी, उसकी FIR साल 2013 में अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में दर्ज करवाई गई थी.
आसाराम और उसके परिवार की 'काली करतूतें' दुनिया के सामने 2013 में आईं. उस समय आसाराम पर नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा. लड़की के माता-पिता ने बताया कि उनकी बेटी छिंदवाड़ा के गुरुकुल में रहती थी. एक दिन उनके पास फोन आया कि बेटी की तबीयत खराब है, उस पर भूत-प्रेत का साया है और अब आसाराम ही उसे ठीक कर सकते हैं.
लड़की के माता-पिता उसे लेकर जोधपुर स्थित आश्रम पहुंचे. आरोप लगा कि 16 साल की उनकी बेटी को आसाराम ने कुटिया में बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया. 15 अगस्त 2013 को आसाराम के खिलाफ केस दर्ज किया गया. 31 अगस्त को आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर लिया गया.