कर्नाटक सरकार को बेंगलुरु हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, तीन सप्ताह के भीतर मांगा जवाब

पूर्वी बेंगलुरु में भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी।

Update: 2021-02-20 18:36 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरु हिंसा में कथित रूप से शामिल पूर्व मेयर संपत राज और पूर्व पार्षद अब्दुल रकीब जाकिर को जमानत दिए जाने के खिलाफ दायर कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवासमूर्ति की याचिका पर कर्नाटक सरकार एवं अन्य को नोटिस जारी किया है। जस्टिस संजय किशन कौल और हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की। बता दें कि 12 अगस्त, 2020 को पूर्वी बेंगलुरु में भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी।

अदालत ने संपत और जाकिर से तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने संपत और जाकिर को पांच और 12 फरवरी को जमानत दी थी। कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए पुलकेशीनगर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक श्रीनिवासमूर्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। कांग्रेस विधायक ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हालांकि आरोपितों ने गंभीर अपराध किया है, इसके बावजूद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
बीते शुक्रवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इस हिंसा के संबंध में लगभग तीन महीने तक न्यायिक हिरासत में रहने के बाद कांग्रेस के पूर्व महापौर आर संपत राज को जमानत दे दी थी। न्यायमूर्ति जॉन माइकल कुन्हा की एकल पीठ ने संपत राज को जमानत दी थी। बता दें कि देवरा जीवनहल्ली नगर निगम वार्ड से कांग्रेस के पार्षद राज को पिछले साल 17 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था।
कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवासमूर्ति ने पूछा कि किस आधार पर उन्हें जमानत दी गई है? सनद रहे कि इस घटना के बाद डीके शिवकुमार ने सत्तारूढ़ भाजपा पर कांग्रेस को बदनाम करने का आरोप लगाया था। कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरू हिंसा में सार्वजनिक और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई दोषियों से वसूलने की बात कही थी। सरकार ने यह भी कहा था कि इसके लिए क्‍लेम कमिश्‍नर की नियुक्‍ति की जाएगी।


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