सुप्रीम कोर्ट का राज्‍यों को सूचना आयोग में नियुक्ति को लेकर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश, महाराष्‍ट्र सरकार को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट

Update: 2021-08-18 11:22 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने केरल, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, झारखंड, नगालैंड और तेलंगाना समेत कई राज्य सूचना आयोग में खाली पदों और सूचना आयोग में लंबित अपील के बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई 3 हफ्ते के बाद होगी. कोर्ट ने राज्य सूचना आयोग में खाली पदों को नहीं भरने पर महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सूचना आयोग के 11 पदों में से 4 पद खाली हैं. साथ ही निर्देश दिया कि तीन हफ्ते में सभी पदों को भरा जाए. आदेश का अनुपालन नहीं होने पर मुख्य सचिव के खिलाफ समन जारी होगा.

पिछले महीने भी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को सूचना का अधिकार कानून के तहत सूचना आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर रिपोर्ट देने को कहा था. कोर्ट ने राज्य सूचना आयोग की राज्य समितियों और केंद्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्त के पदों पर समय सीमा के तहत नियुक्तियां करने के 2019 के उसके आदेश के अनुपालन पर स्थिति रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.
सूचना आयुक्तों की नियुक्ति पर SC का पहले का निर्देश
जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्णा मुरारी की बेंच ने कहा था कि केंद्र और राज्यों को केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोग में रिक्तियों की जानकारियां 4 सप्ताह के भीतर देनी होगी और साथ ही इन पदों पर नियुक्तियों के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी भी देनी होगी.
इस याचिका में कानून के तहत सीआईसी और एसआईसी में नियुक्तियों पर 2019 के आदेश को लागू करने का अनुरोध किया गया है. भारद्वाज ने सरकारी प्राधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने का निर्देश देने का अनुरोध भी किया. कोर्ट ने सरकार को एक निर्धारित समयसीमा के भीतर और पारदर्शी तरीके से सूचना आयुक्तों की नियुक्ति करने का आदेश दिया था.
मौजूदा रिक्तियों और सभी जानकारी ऑन रिकॉर्ड हो- प्रशांत भूषण
सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने कहा कि सीआईसी में अब भी तीन रिक्तियां हैं और सरकार को मौजूदा स्थिति की जानकारी देनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र को सीआईसी और आईसी के रूप में नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों के नामों को छांटने के लिए मानदंड और मौजूदा रिक्तियों एवं पदों के लिए आवेदन करने वाले व्यक्तियों के नाम जैसी जानकारी रिकॉर्ड करने के निर्देश दिए जाने चाहिए.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, ओडिशा, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में एसआईसी में रिक्तियां हैं और इस कोर्ट के निर्देशों को पूरी तरह से लागू करने की जरूरत है. उन्होंने आरोप लगाया कि आरटीआई के तहत लगभग 75,000 और 36,000 मामले क्रमशः महाराष्ट्र एसआईसी और सीआईसी में लंबित हैं और आरटीआई कानून को निष्प्रभावी बनाने के प्रयास किए गए हैं.
सीआईसी में अध्यक्ष के अलावा अभी 7 सदस्य- सरकार
वहीं केंद्र सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हुईं एडिशनल सॉलीसीटर जनरल माधवी दिवान ने कहा कि अप्रैल 2020 में अनुपालन हलफनामा दाखिल किया गया था. उन्होंने कहा, 'उनकी (याचिकाकर्ता) शिकायत थी कि लोगों की नियुक्ति नहीं हुई. इस प्रक्रिया को पूरा किया गया और मार्च 2020 में नियुक्ति हुई. सीआईसी में अध्यक्ष के अलावा अभी 7 सदस्य हैं.'


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