सुप्रीम कोर्ट ने गाजियाबाद कोर्ट से राणा अय्यूब के खिलाफ कार्यवाही स्थगित करने को कहा

Update: 2023-01-25 09:13 GMT
नई दिल्ली (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामले में गाजियाबाद की एक अदालत द्वारा जारी सम्मन के खिलाफ पत्रकार राणा अय्यूब की याचिका पर 31 जनवरी को सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत ने गाजियाबाद की अदालत से 27 जनवरी को सुनवाई स्थगित करने और इसे 31 जनवरी के बाद निर्धारित करने को कहा है।
अय्यूब का प्रतिनिधित्व करने वाली अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने जस्टिस कृष्ण मुरारी और वी. रामासुब्रमण्यन की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता को गाजियाबाद की एक अदालत ने तलब किया है और कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है। वकील ने तर्क दिया कि वह उत्तर प्रदेश में पीएमएलए अदालत द्वारा इस मामले के अधिकार क्षेत्र और संज्ञान को चुनौती दे रही हैं।
ग्रोवर ने कहा कि उनके मुवक्किल की स्वतंत्रता दांव पर है और सवाल किया कि क्या ईडी को उन्हें देश की किसी भी अदालत में घसीटने की अनुमति दी जानी चाहिए।
ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उनकी दलीलों का विरोध किया। मेहता ने कहा कि क्राउडफंडिंग नया उपकरण है जहां आप पैसा इकट्ठा करते हैं। उन्होंने सवाल किया कि वह सभी वादियों की तरह अग्रिम जमानत के लिए फाइल क्यों नहीं कर सकती? कानून की नजर में हर वादी समान है।
दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा कि वह मामले की सुनवाई 31 जनवरी को करेगी और इस बीच गाजियाबाद की विशेष अदालत से अनुरोध है कि 27 जनवरी की तय सुनवाई को 31 जनवरी के बाद की तारीख तक के लिए स्थगित कर दें।
शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि यह आदेश इसलिए पारित किया जा रहा है क्योंकि इससे पहले की सुनवाई समय की कमी के कारण न कि गुण-दोष के आधार पर आज समाप्त नहीं हो सकती।
ईडी ने पिछले साल अक्टूबर में अय्यूब के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, जिसमें उन पर जनता को धोखा देने और अपनी निजी संपत्ति बनाने के लिए 2.69 करोड़ रुपये के चैरिटी फंड का इस्तेमाल करने और विदेशी योगदान कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।
अय्यूब ने गाजियाबाद में ईडी द्वारा शुरू की गई कार्यवाही को रद्द करने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था। याचिका में तर्क दिया गया कि क्षेत्राधिकार की कमी का हवाला देते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का कथित अपराध मुंबई में हुआ।
गाजियाबाद की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने पिछले साल नवंबर में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर अभियोजन शिकायत का संज्ञान लिया था और अय्यूब को तलब किया था। विशेष अदालत ने कहा कि पूरे रिकॉर्ड के अवलोकन से अपराध के संबंध में राणा अय्यूब के खिलाफ संज्ञान लेने के प्रथम दष्टया मामले के पर्याप्त सबूत हैं।
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