Supreme Court: पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह मामले में एक अहम फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक अदालत ने अपने फैसले में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने से इनकार कर दिया. हालांकि कोर्ट ने ये भी कहा कि समलैंगिक संबंधों को अपराध नहीं माना जा सकता. पहले इसे अनुच्छेद 377 के तहत अपराध की श्रेणी में रखा गया था.पिछले साल ही सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को लेकर एक अहम फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक अदालत ने अपने फैसले में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने से इनकार कर दिया.