दिल्ली एनसीआर: जनपद में सड़क दुर्घटनाओं के ताजा आंकड़ों ने सरकारी तंत्र को नए सिरे से सोच-विचार कर रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया है। जनवरी 2023 से मई के मध्य घटित सड़क हादसों का पिछले साल इस अवधि के आंकड़ों से तुलनात्मक अध्य्यन करने पर महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 5 माह के भीतर सड़क दुर्घटनाओं में 13.86 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
इसके अलावा मृतकों की संख्या में 16 प्रतिशत की कमी आने के साथ घायलों की संख्या 13.47 प्रतिशत तक बढ़ी है। सड़क सुरक्षा समिति ने दुर्घटनाओं में बढ़ोत्तरी पर चिंता जाहिर कर भविष्य में आवश्यक कदम उठाने पर विचार किया है। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई। समिति ने सड़क हादसों में वृद्धि पर चिंता जाहिर की।
परिवहन एवं पुलिस विभाग के अलावा सड़क निर्माण कार्यदायी संस्थाओं को समुचित कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। जिलेभर में कुल 16 ब्लैक स्पॉट चिन्हित हैं। जहां दुर्घटना का ज्यादा खतरा रहता है। विजय नगर में ब्लैक स्पॉट पर डिवाइडर की ग्रिल की ऊंचाई बढ़ाने तथा राहगीरों के लिए फुट ओवरब्रिज का निर्माण करने के निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर यात्रियों को चढ़ाने एवं उतारने के लिए यूपी रोडवेज की बसों को ना रोकने के निर्देश मिले हैं।
घूकना मोड़ ब्लैक स्पॉट पर यूटर्न का निर्माण किए जाने की जरूरत बताई गई है ताकि यातायात में व्यवधान न आए। इसके अलावा जीडीए, लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई और एनसीआरटीसी को अपने-अपने क्षेत्र में ब्लैक स्पॉट पर सुधारात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। चिकित्सा विभाग के प्रतिनिधि को एंबुलेंस के रेस्पांस टाइम का डाटा जुटाने को कहा गया है। इस अवसर पर अपर पुलिस उपायुक्त (यातायात) रामानंद कुशवाहा, एआरटीओ (प्रवर्तन) राघवेंद्र सिंह, यात्री एवं मालकर अधिकारी राजेश्वर कुशवाहा, पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता अजय कुमार आदि मौजूद रहे।