सख्त निर्देश आया! थानेदारों को अपनी कुर्सी बचाने के लिए करना होगा ये काम

जानें पूरा मामला।

Update: 2022-08-29 08:39 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: पब्लिक अप्रूवल रेटिंग (पीएआर) सिस्टम में तीन बार फेल होने पर थानेदारी छिन जाएगी. एडीजी ने जोन के सभी पुलिस कप्तानों को पत्र लिखकर ये निर्देश दिए हैं. जिसके तहत अब सभी जिलों के लिए एक कट ऑफ निर्धारित कर दिया गया है. थानेदारों को इससे कम अंक हासिल नहीं करने हैं. गोरखपुर में थानेदारों को अपनी कुर्सी बचाने के लिए अब पब्लिक पोल में कम से कम 50 प्रतिशत अंक हासिल करने होंगे. दरअसल, आमजन के साथ पुलिस का व्यवहार कैसा है, यह जानने के लिए एडीजी जोन अखिल कुमार ने पब्लिक अप्रूवल रेटिंग सिस्टम शुरू कराया है. वर्तमान में यह व्यवस्था जिला व थाना स्तर पर लागू है. जिले का मूल्यांकन एडीजी व कप्तान (एसएसपी) कराते हैं.

चार माह से चल रही पब्लिक अप्रूवल रेटिंग सिस्टम की समीक्षा में सामने आया है कि कई थानों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है. थाना प्रभारी रैंकिंग सुधारने का प्रयास नहीं कर रहे हैं. एडीजी ने सभी कप्तानों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि ऐसे इंस्पेक्टर व दारोगा को चिन्हित कर थाना प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त करें. एडीजी ने निर्देश दिए हैं कि रैकिंग में टॉप-5 रहने वाले थानेदारों को प्रशस्ति पत्र दें और अंतिम पांच में रहने वाले थाना प्रभारियों को स्थिति सुधारने का निर्देश दिया जाए. वहीं लगातार दो बार अंतिम पांच में रहने वाले प्रभारी को चेतावनी दी जाए और तीसरी बार भी स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो थानेदार को हटा दिया जाए.
एडीजी जोन अखिल कुमार ने जानाकरी देते हुए बताया कि कहा कि पब्लिक अप्रूवल रेटिंग सिस्टम की समीक्षा में गोरखपुर थानेदार ने 50, देवरिया थानेदार ने 72, कुशीनगर थानेदार ने 74, महराजगंज थानेदार ने 66, बस्ती थानेदार ने 57, संतकबीरनगर थानेदार ने 80 और सिद्धार्थनगर थानेदार ने 61 अंक हासिल किए हैं. इसमें लगातार तीन माह तक अंतिम पांच में रहने वाले थानेदारों पर कार्रवाई होगी.जोन के सभी जिलों के कप्तानों को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं. निर्धारत अंक हासिल करने वाले कार्रवाई की जद से बाहर रहेंगे.

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