जहांगीरपुरी में यथास्थिति बनी रहेगी, SC का देशभर में बुलडोजर पर रोक से इनकार, सुनवाई के दौरान किसने क्या कहा? जानें
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है, साथ ही दो हफ्ते बाद अगली सुनवाई होगी.
याचिकाकर्ता के वकील दवे ने कहा- ये देश संविधान और कानून के शासन से चलता है. यहां 30 साल से ज्यादा पुरानी दुकाने हैं . जे जे कालोनी, स्लम, गांव आदि के लिए नियम कानून बनाए गए हैं. बीजेपी अध्यक्ष की चिट्ठी देश के हालात की दुखद कमेंट्री है.
इस पर जस्टिस राव ने कहा, हमने सुना है कि हिंदुओं की प्रापर्टी भी तोड़ी गई है.
कपिल सिब्बल ने कहा, अतिक्रमण की समस्या दिल्ली नहीं बल्कि पूरे देश की है. लेकिन यहां सिर्फ मुस्लिमों को टारगेट किया जा रहा है. वो भी खासतौर पर रामनवमी के दिन.
सॉलिसिटर जनरल ने कहा, कल का अभियान सिर्फ फुटपाथ साफ करने के लिए थी. इस पर जस्टिस बीआर गवई ने कहा, आप कुर्सियां, डब्बों आदि के लिए बुलडोजर की जरूरत पड़ी.
याचिकाकर्ताओं के मुस्लिमों को टारगेट करने के सवाल पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा, एमपी के खरगोन में मुस्लिमों से ज्यादा हिंदुओं के घर गिराए गए.
सॉलिसिटर जनरल ने कहा, जहां तक की जहांगीरपुरी की बात है, मैंने जानकारी ली है. हम जहांगीरपुरी से अतिक्रमण हटाना चाहते हैं, ताकि रोड साफ हों. यह अभियान जनवरी में शुरू किया गया था. इसके बाद जनवरी, फरवरी और मार्च में कार्रवाई की. 19 अप्रैल को अगली बार कार्रवाई होनी थी. वे अतिक्रमण और कचरा साफ कर रहे थे. यह सब तब हुआ, जब संगठनों ने इसमें दखल देना शुरू किया. कुछ इमारतें अवैध हैं और सड़क पर बनी हैं, उन्हें नोटिस दिया गया. 2021 में मार्केट एसोसिएशन की ओर याचिका दायर की थी, हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने का आदेश भी दिया था.
कपिल सिब्बल ने कहा, अतिक्रमण को मुद्दा बनाया जा रहा है. हम चाहते हैं कि कार्रवाई पर रोक लगे. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम देशभर में तोड़फोड़ की कार्रवाई पर रोक नहीं लगा सकते. सिब्बल ने कहा, मेरा मतलब है कि इस तरह से बुलडोजर के इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, तोड़फोड़ तो हमेशा बुलडोजर से ही होती है.
इस पर सिब्बल ने कहा, मेरा मतलब है कि इस तरह की कार्रवाई से पहले नोटिस जारी करना चाहिए कि आप अतिक्रमण हटा लें या हम हटाएंगे.