पानी घोटाले में 125 ग्रामीणों के बयान दर्ज

Update: 2025-01-13 12:13 GMT
Shimla. शिमला। विजिलेंस की जांच में शिमला जिला के ठियोग पेयजल टेंडरों के कई दस्तावेज अधूरे पाए गए हैं। ठियोग पेयजल घोटाले की जांच के लिए विजिलेंस ने तीन टीमें बनाई हैं। विजिलेंस की टीमों ने शनिवार को ठियोग के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर उन लोगों से पूछताछ की, जिन्हें जल शक्ति विभाग ने मई-जून महीने में पानी देने का दावा किया था। विजिलेंस अब तक करीब 125 ग्रामीणों के ब्यान दर्ज किए हैं। विजिलेंस ने जल शक्ति विभाग का रिकार्ड कब्जे में लिया है। विजिलेंस की जांच में पेयजल घोटाले से जुड़े कई अहम खुलासे हुए हैं। विजिलेंस की जांच में पेयजल सप्लाई के कई टेंडरों के दस्तावेज पूरे नहीं पाए गए हैं। विजिलेंस की जांच में पता चला है कि एसडीएम के माध्यम से ठेकेदारों को टेंडरों का भुगतान किया गया है। ऐसे में विजिलेंस की टीमें एसडीएस सहित जल शक्ति विभाग के अधिकारियों से पूछताछ
कर रही है।

विजिलेंस मामले की जांच के लिए पेयजल सप्लाई में शामिल वाहन चालकों की सीडीआर भी खंगाल रही है। विजिलेंस की तीनों टीमें ठियोग के क्षेत्रों में उन लोगों के बयान भी कलमबद्ध कर रही है, जिन्हें पानी दिया गया। इस दौरान लोगों से पूछा जा रहा है कि उन्हें महीने में कितनी बार और कितना पानी दिया गया है। इससे पहले विजिलेंस की एसआईयू ने बीते चार-पांच दिनों के दौरान जल शक्ति विभाग के सस्पेंड अफसरों के अलावा फील्ड स्टाफ, 40 ड्राइवर व गाड़ी मालिक और चार ठेकेदारों से पूछताछ कर चुकी है। ठेकेदारों के बैंक खातों को भी विजिलेंस ने खंगालना शुरू कर दिया है। एएसपी नरवीर राठौर का कहना है कि पेयजल घोटाले को लेकर विजिलेंस ने 125 ग्रामीणों के बयान दर्ज किए हैं। विजिलेंस पेयजल सप्लाई के बिलों और रिकार्ड की क्रॉस मैचिंग कर रही है। जांच में कई टेंडरों के दस्तावेज अधूरे पाए गए हैं।
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