Una. ऊना। हिमाचल प्रदेश को हरित राज्य के रूप में विकसित करने की दिशा में प्रदेश सरकार प्रभावी कदम उठा रही है। यह बात गुरुवार को गगरेट विधानसभा क्षेत्र के तहत भंजाल में 31 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाली पांच मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना का शिलान्यास करने के उपरांत उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कही। मुख्यमंत्री सुक्खू ने इसके उपरांत मत्स्य पालन विभाग के 5.17 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले अत्याधुनिक प्रशिक्षण केंद्र दियोली की आधारशिला भी रखी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को 31 मार्च, 2026 तक हरित राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार सौर ऊर्जा दोहन पर विशेष ध्यान दे रही है तथा पावर कॉर्पोरेशन को 200 मेगावाट सौर ऊर्जा दोहन का लक्ष्य दिया है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कदम उठा रहा है। हमारी सरकार बनने के बाद ऊना जिला में प्रदेश का सबसे बड़ा 220 करोड़ रुपए का सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट आठ माह मेंं तैयार होकर बिजली उत्पादन कर रहा है।
उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उनकी सरकार ने पिछले चार दशकों में सबसे अधिक कार्य किया है। अगले चार माह में ऊना जिला सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश का अव्वल जिला बन जाएगा। यहां पर 47 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन शुरू हो जाएगा। शुरू में इसकी लागत ज्यादा आती है, लेकिन धीरे-धीरे कम होती जाती है। सीएम ने कहा कि कुछ समय पहले उन्होंने कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के अघलौर में 67.82 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली 10 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना का शिलान्यास भी किया है। इसके अलावा पेखूबेला में हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की 32 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना का लोकार्पण किया है। पेखूबेला के बाद अब भंजाल और अघलौर सौर ऊर्जा परियोजनाओं के पूर्ण होने पर जहां ऊना जिला बिजली उत्पादन के क्षेत्र में और आगे बढ़ेगा, वहीं हरित राज्य बनाने की दिशा में भी ये दोनों परियोजनाएं मील का पत्थर साबित होंगी। इस अवसर पर विधायक राकेश कालिया, संजय रतन, चिंतपूर्णी सुदर्शन बबलू, विवेक शर्मा, सुरेंद्र , रंजीत राणा, जतिन लाल, विजय डोगरा, एसडीएम सोमिल गौतम आदि लोग उपस्थित थे।