राज्य सरकार ने PSC के उप सचिव को सेवा से किया बर्खास्त, रिश्वत का मामला
आदेश जारी
हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) के निलंबित उप सचिव को राज्य सरकार ने सेवा से मंगलवार को बर्खास्त कर दिया. उन्हें दंत सर्जन की भर्ती (Dental Surgeon Recruitment) को रिश्वत लेकर प्रभावित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. एचपीएससी के उप सचिव अनिल नागर को हरियाणा सतर्कता ब्यूरो के अधिकारियों ने दो अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था. उसकी गिरफ्तारी दंत सर्जन के लिए लिखित परीक्षा में अभ्यर्थियों से रिश्वत लेकर उनके अंक बढ़ाकर भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित करने के आरोप में की गई थी. सरकारी आदेश में कहा गया है कि नागर को उसकी गिरफ्तारी की तारीख 11 नवंबर को ही निलंबित कर दिया गया था और इस बात में कोई शक नहीं है कि आरोपी ने सबसे निंदनीय तरीके से काम किया है, जिसकी सरकारी कर्मी से उम्मीद नहीं की जाती है.
हरियाणा लोक सेवा के अधिकारी को बर्खास्त करने वाले आदेश में कहा गया है कि आरोपी ने गंभीर कदाचार का प्रदर्शन किया है, जिससे आम जनता की नजर में राज्य सरकार की छवि धूमिल हो रही है. इसके अलावा, इस तरह की अनैतिक गतिविधियों से राज्य सरकार की बहुत बदनामी होती है. बर्खास्तगी का आदेश सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 311(2)(बी) के तहत जारी किया गया है जो सक्षम प्राधिकारी को बिना किसी विभागीय जांच के किसी सरकारी कर्मचारी को बर्खास्त करने, हटाने या रैंक को कम करने का अधिकार देता है. राज्य सतर्कता ब्यूरो ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया था कि नागर और एक अन्य आरोपी ने हरियाणा लोक सेवा की प्रारंभिक परीक्षा और दंत सर्जन के इम्तिहान की ओएमआर को प्रभावित किया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, नागर के आवास की तलाशी ली गई और 12 लाख रुपये नकद जब्त किए गए और उसके सहयोगी के पास से 2.10 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे. आदेश में कहा गया है कि जांच के दौरान अबतक कुल 3.5 करोड़ रुपये बरामद हो चुके हैं और गिरफ्तार तीनों आरोपियों ने बताया कि इसमें कुल 30-32 अभ्यर्थी शामिल हैं.