Shimla. शिमला। विश्व बैंक की बागबानी विकास परियोजना को सफलता से लागू करने वाले हिमाचल प्रदेश को दूसरे चरण का प्रोजेक्ट भी वल्र्ड बैंक देने को तैयार है। उनके कहने पर हिमाचल सरकार भी इस दिशा में आगे बढऩे की तैयारी में हैं क्योंकि अधिकारियों को इसकी कार्य योजना बनाने को कहा गया है। अधिकारियों को कहा गया है कि वह डीपीआर बनाएं और इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। इसमें विश्व बैंक की कंसेंट लगाकर केंद्र सरकार को देंगे, ताकि वहां से मंजूरी हो सके। मगर यह सब कुछ केंद्र सरकार द्वारा तय लोन लिमिट के तहत ही हो पाएगा।
यदि केंद्र सरकार अगले वित्त वर्ष में प्रदेश के लिए लोन लिमिट को बढ़ाता है और बाह्य वित्त पोषित एजेंसियों के माध्यम से प्रोजेक्ट लेने को छूट देता है, तो बागबानी की दूसरी परियोजना को सिरे चढ़ाया जा सकता है। यहां लोग इस दूसरे चरण के प्रोजेक्ट का भी इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि पहले चरण की परियोजना लगभग 1100 करोड़ रुपए की थी और दूसरे चरण में बागबानी के साथ कृषि को जोडक़र सरकार चलाना चाहती है, ताकि बड़ा प्रोजेक्ट मिले। इस प्रोजेक्ट के लिए लगभग 2500 करोड़ रुपए की डिमांड की जाएगी जिसमें पूरा प्रदेश शामिल होगा। पहला प्रोजेक्ट बागबानी विकास परियोजना विशेषकर बागबानी बाहुल्य क्षेत्रों के लिए ही थी, जिसमें शिमला जिला व सेब उत्पादन करने वाले दूसरे जिले शामिल थे। मगर दूसरे चरण के प्रोजेक्ट में सरकार चाहती है कि पूरे प्रदेश के बागबानों व किसानों को जोड़ा जाए।