बेंगलुरु: गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम को अगले साल अप्रैल-मई में कर्नाटक में होने वाले चुनाव के नतीजों का संकेतक बताने वाले दावों को खारिज करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा कि इन चुनावों में स्थानीय मुद्दे हावी रहते हैं। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता ने पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक कारणों से सीमा विवाद को तूल दे रहा है। सिद्धरमैया ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए अब तक सर्वदलीय बैठक बुला लेनी चाहिए थी।
गुजरात चुनाव के एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए सिद्धरमैया ने कहा, देखते हैं कि आठ दिसंबर को चुनाव परिणाम आने पर क्या होता है। कुछ समाचार चैनलों ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के आगे रहने, जबकि कुछ अन्य ने भाजपा के आगे रहने का अनुमान जताया है, और कांटे की टक्कर रहने की बात कही है। सिद्धरमैया ने कहा, समाचार चैनलों के अनुसार गुजरात में भाजपा आगे है। परिणाम आने दीजिए। किसी भी चुनाव में हमें जनादेश का सम्मान करना होगा।
यहां, पत्रकारों से बातचीत में हालांकि उन्होंने इन दावों को खारिज कर दिया कि गुजरात चुनाव के परिणाम अगले साल होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव नतीजों के संकेतक होंगे। उन्होंने सवाल किया कि पंजाब विधानसभा चुनाव के परिणामों का असर क्यों नहीं पड़ेगा, जहां भाजपा को करारी शिकस्त मिली थी। पंजाब में इस साल की शुरूआत में विधानसभा चुनाव हुए थे। सिद्धरमैया ने कहा, एक राज्य के चुनाव का दूसरे राज्य से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि स्थानीय मुद्दे, प्रशासन और लोगों की भावनाएं अलग-अलग होती हैं।
संसदीय चुनाव में अलग बात होती है, क्योंकि वहां राष्ट्रीय मुद्दे प्रमुख होते हैं। विधानसभा चुनाव में राज्य विशेष के मुद्दे महत्वपूर्ण होते हैं। गुजरात चुनाव के एग्जिट पोल में राज्य में भाजपा की सत्ता में वापसी का अनुमान जताया गया है, ऐसे में बोम्मई ने विश्वास जताया है कि कनार्टक में सत्तारूढ़ दल के पक्ष में जनादेश की लहर संभव है।
सोमवार को विभिन्न एग्जिट पोल में गुजरात में भाजपा की वापसी होने और हिमाचल प्रदेश में कांटे की टक्कर का अनुमान जताया गया है। दोनों राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना आठ दिसंबर को होगी।