फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट देने वाले डॉक्टर को स्पेशल सेल ने किया गिरफ्तार, कैदियों को देता था 1 लाख रुपए में सर्टिफिकेट

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Update: 2021-11-19 02:22 GMT

जेल में कैद बंदियों को जमानत, पैरोल के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट देने वाले डॉक्टर को दिल्‍ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है. फर्जी सर्टिफिकेट वह 50 हजार से 1 लाख रुपए में देता था. दिल्ली हाइकोर्ट के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज कर स्पेशल सेल ने इस रैकेट का खुलासा किया है. डॉक्टर की गिरफ्तारी नोएडा सेक्‍टर 75 से हुई है. आरोपी डॉक्टर का नाम राम कृष्ण गुप्ता है.

दरअसल, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने साल 2019 में 330 किलो हेरोइन पकड़ी थी जिसकी कीमत 1 हजार करोड़ से ज्यादा की थी, इस मामले में सेल ने रईस खान नाम के एक ड्रग सरगना को गिरफ्तार किया था. रईस फिलहाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है. हाल में रईस खान ने दिल्ली के हाइकोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी, उसने हाइकोर्ट में अपनी पत्‍नी जीनत का फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट लगाया और दावा किया कि उसकी पत्‍नी की तबीयत काफी खराब है. ऑपरेशन करवाना है लिहाजा जमानत दी जाए. मेडिकल सर्टिफिकेट देखने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पेशल सेल के अधिकारियों को मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच करने को कहा. साथ ही साथ सर्टिफिकेट बनाने वाले डॉक्टर के बारे में भी जानकारी जुटाने का भी आदेश दिया.
स्पेशल सेल ने अपनी जांच की और पाया कि आरोपी राम कृष्ण गुप्ता एक झोलाछाप डॉक्टर है. विचाराधीन कैदियों को जमानत दिलाने के लिए फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने का पूरा रैकेट चला रहा है. स्पेशल सेल ने जांच रिपोर्ट में हाईकोर्ट में दाखिल कर दी. वहीं दिल्ली हाइकोर्ट ने जांच रिपोर्ट देखने के बाद दिल्ली पुलिस को आदेश दिया है कि डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पूरा रैकेट का भंडाफोड़ करे.
स्पेशल सेल ने जांच की और नोएडा से डॉक्टर राम कृष्ण को गिरफ्तार कर लिया. झोलाछाप डॉक्‍टर ने माना कि अब तक आरोपी दर्जन भर कैदियों के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट तैयार कर चुका है, पुलिस को शक है की इस रैकेट में अभी और कई लोग शामिल हो सकते हैं और जल्द कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
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