कांग्रेस नेता के बेटे की गोली मारकर हत्या, 3 साथी घायल
जैसे ही वो लोग खाना खाकर मैरिज पैलेस से बाहर निकले एक कार में सवार होकर आए हमलावरों ने नजदीक से फायरिंग शुरू कर दी.
यमुनानगर: हरियाणा के यमुनानगर (Yamuna Nagar) में एक मैरिज पैलेस के बाहर कांग्रेस के दलित नेता राजेंद्र बाल्मीकि के बेटे जानू की एक दर्जन हमलावरों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी. इस हमले में मृतक जानू के तीन दोस्तों को भी गोलियां लगी हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. वारदात उस समय हुई जब देर रात करीब 2 बजे जानू और उसके दोस्त एक शादी समारोह में पहुंचे. जैसे ही वो लोग खाना खाकर मैरिज पैलेस से बाहर निकले एक कार में सवार होकर आए हमलावरों ने नजदीक से फायरिंग शुरू कर दी. बता दें कि राजेंद्र बाल्मीकि के बड़े बेटे रमन बाल्मीकि की जिला जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है.
पहले से घात लगाकर बैठे बदमाशों ने जानू बाल्मीकि के बेहद करीब आकर अंधाधुंध फायरिंग की. जानू के सिर में दो गोलियां लगीं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. फायरिंग में जानू के तीन दोस्त रजत, अनमोल और एक अन्य को भी गोलियां लगी जिन्हें तुरंत एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. सूचना मिलते ही पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची. पुलिस को मौके से कारतूस के 10 खोल और एक मैगजीन बरामद हुई है.
इस वारदात के बाद जानू के दोस्त और उसके रिश्तेदारों के सब्र का पैमाना छलक गया. दर्जनों की संख्या में युवक शहर के फवारा चौंक पर सड़क को जाम हो गए. उन्होंने पुलिस और सरकार विरोधी जमकर नारेबाजी की. साथ ही जानू के हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग को लेकर उन्होंने जोरदार प्रदर्शन किया. किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए मौके पर पुलिस प्रशासन भी मौजूद रहा.
जानू पर 30 दिसंबर को भी दो बाइक सवार बदमाशों ने गोलियां चलाई थी. उस दौरान यह घटना दशमेश कॉलोनी में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. जिसमें हमलावर भागते हुए नजर आए थे. इसके बाद परिजनों ने आरोपियों के नाम भी पुलिस को दिए.
तब एसपी की ओर से हमलावरों के ऊपर इनाम घोषित करने के बावजूद पुलिस के हाथ हमलावर नहीं लगे. लिहाजा, जानू की जान को खतरा मानकर पुलिस की ओर से उसे एक गनमैन भी दिया गया था. गनमैन की ड्यूटी दिन की थी लिहाजा हमले की रात जानू अपनी लाइसेंसी पिस्तौल के साथ शादी समारोह में गया था, जिसे हमलावर छीन कर ले गए हैं.
25 अप्रैल 2020 को राजेंद्र बाल्मीकि के बड़े बेटे रमण बाल्मीकि की जिला जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. रमन ने 3 दिन पहले ही एक मामले में पुलिस को आत्मसमर्पण किया था. जिसके बाद उसे कोर्ट ने जिला जेल में भेज दिया था. राजेंद्र बाल्मीकि ने इसको लेकर जेल पुलिस प्रशासन पर अपराधियों से मिलीभगत के भी आरोप लगाए थे, जिसकी जांच अभी तक चल रही है.
पुलिस के मुताबिक, राजेंद्र वाल्मीकि के बेटों के साथ 3 साल पहले सूढल निवासी सचिन के साथ विवाद हुआ था. जिसमें दोनों तरफ से कई युवक घायल हुए थे. दोनों ओर से मुकदमे भी दर्ज हुए. राजेंद्र वाल्मीकि का बेटा रमन वाल्मीकि भी जेल चला गया और वहां पर उसकी मौत हो गई थी. तब भी राजेंद्र वाल्मीकि के परिवार ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे. वह इस मामले को एएसी/एसटी आयोग तक ले गए थे.