Nauharadhar. नौहराधार। सिरमौर के रोनहाट क्षेत्र के कनाड़ी गांव में साढ़े तीन महीने पहले लाल सिंह की मौत हुई थी, जिसे ‘दिव्य हिमाचल’ ने प्रमुखता से मामला उठाया था, मगर अब लगता है सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। उस दौरान विभाग द्वारा संज्ञान भी लिया गया। बुधवार को उनके बेटे रति राम ने भी टीबी हॉस्पिटल धर्मपुर में आखिरी सांस ली। स्वर्गीय लाल सिंह के पोता और पोती भी बीमारी की चपेट में है। पोता विवेक का टीवी हॉस्पिटल धर्मपुर में इलाज चल रहा है, जबकि पोती रितिका का इलाज मेडिकल कालेज नाहन में चल रहा है। लाल सिंह की पत्नी सोढी देवी और बहू सत्या देवी भी बीमारी की चपेट में है, मगर राहत की बात यह है कि इन दोनों सास-बहू के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। स्वर्गीय लाल सिंह का परिवार अत्यंत गरीब है। घर में शौचालय तक नहीं है।
परिवार के पांच सदस्य टीबी जैसी खतरनाक बीमारी की गिरफ्त में आ गए थे। इस साल 22 फरवरी बीमारी के कारण लाल सिंह की मौत हो गई थी। परिवार के लोगों और ग्रामीणों ने गरीब परिवार के इलाज के लिए सरकार से मदद कि गुहार लगाई थी। ग्रामीणों ने इस गरीब परिवार को बीपीएल की सूची में लाने की मांग की थी। गरीब परिवार को आर्थिक मदद देने की भी मांग की थी और सरकार से इस परिवार के घर में शौचालय बनाने की भी मांग की थी। प्रशासन ने इस परिवार को बीपीएल की सूची में लाने का आश्वासन दिया था और इस गरीब परिवार के घर में जल्द से जल्द शौचालय बनाने का भी भरोसा दिलाया था। यही नहीं प्रशासन ने गरीब परिवार की आर्थिक मदद का भी भरोसा दिलाया था। ग्रामीणों का आरोप है कि हैरान करने वाली बात यह है कि इस परिवार के घर में आज तक न तो शौचालय का निर्माण किया गया है और न ही इस गरीब परिवार को बीपीएल में लाया गया है। इस गरीब परिवार को आर्थिक मदद का जो भरोसा दिया गया था वह भी खोखला ही साबित हुआ।