सोलन। दिल्ली में आयोजित जी-20 सम्मेलन से सोलन का भी नाता जुड़ गया है। इस दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान सोलन में स्थित देश के एकमात्र खुंब अनुसंधान निदेशालय (डीएमआर) को मशरूम की विभिन्न प्रजातियों को प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित किया गया था। डीएमआर निदेशक डा. वीपी शर्मा के मार्गदर्शन में डीएमआर की टीम ने जी-20 सम्मेलन में आयोजित प्रदर्शनी में भाग लिया और विभिन्न प्रजातियों को प्रदर्शित किया। दुनिया के विभिन्न देशों से आए मेहमानों ने प्रदर्शनी में उनके स्टॉल का विजिट किया और मशरूम के क्षेत्र में भारत की प्रगति को जाना। गौर रहे कि जी-20 सम्मेलन देश ही नहीं दुनिया के लिए इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलन के जरिए भारत की विभिन्न सांस्कृतिक व पारंपरिक धरोहरों को प्रदर्शित कर रहे हैं। इसके तहत सम्मेलन स्थल में ही शनिवार को एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें देश के विभिन्न विभागों के 15 स्टॉल लगाए गए थे।
इसमें डीएमआर सोलन का स्टॉल भी शामिल था। यह निदेशालय ही नहीं बल्कि सोलन व पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि इस तरह के अंतरराष्ट्रीय मंच पर डीएमआर को जगह दी गई। डीएमआर की ओर से लगाए गए स्टॉल में मुख्यत: औषधीय गुणों से युक्त मशरूमों को प्रदर्शित किया गया, जिसमें हिरेशियम, कोर्डिसेप्स, शिटाके, ग्यानोडरमा, किंग्स वेस्टरे आदि शामिल थे। वहीं डा. वीपी शर्मा, निदेशक, डीएमआर सोलन ने बताया कि जी-20 सम्मेलन के दौरान डीएमआर सोलन को भी स्टॉल लगाने का अवसर मिला था। इसमें विभिन्न प्रजातियों को प्रदर्शित किया गया था। खुंब अनुसंधान निदेशालय (डीएमआर) सोलन में आयोजित राष्ट्रीय मशरूम मेले में करीब एक लाख रुपए प्रति किलो बिकने वाली कोर्डिसेप्स मिलिट्रेनस (कीड़ा जड़ी) मशरूम आकर्षण का मुख्य केंद्र रही। डीएमआर द्वारा मेले में लगाई गई प्रदर्शनी में इसको विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया था। मशरूम की यह प्रजाति औषधीय गुणों से भरपूर है और विशेषकर एथलीट्स के लिए काफी अहम है। प्रदर्शनी में आने वाला हर शख्स इस मशरुम को देखे बिना प्रदर्शनी से बाहर नहीं आया। हर समय डीएमआर के इस स्टाल पर लोगों की भीड़ लग रही।