Nauni. नौणी। डा. यशवंत सिंह परमार औद्योनिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के मृदा विज्ञान और जल प्रबंधन विभाग में सटीक कृषि प्रौद्योगिकियों पर एक सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ। यह पहल प्रिसिजन फार्मिंग डेवलपमेंट सेंटर (पीएफडीसी) परियोजना का हिस्सा है। प्रशिक्षण में 30 किसान भाग ले रहे हैं। उद्घाटन सत्र के दौरान विस्तार शिक्षा निदेशक डा. इंद्र देव ने कृषि और बागबानी फसलों में उच्च उत्पादकता प्राप्त करने में सटीक कृषि प्रौद्योगिकियों के महत्व पर जोर दिया। वानिकी महाविद्यालय के डीन डा. सीएल ठाकुर ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए महंगे कृषि आदानों के सटीक उपयोग के महत्व पर प्रकाश डाला।
मृदा विज्ञान और जल प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष डा. एमएल वर्मा ने पीएफडीसी योजना की पृष्ठभूमि, उत्पत्ति और गठन पर चर्चा की जो भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय परिशुद्ध कृषि और बागबानी समिति (एनसीपीएएच) द्वारा प्रायोजित है। उन्होंने उच्च गुणवत्ता वाली फसलें पैदा करने के लिए सूक्ष्म सिंचाई, संरक्षित खेती और वर्षा जल संचयन के महत्व के बारे में बताया। परियोजना के प्रधान अन्वेषक डा. घनश्याम अग्रवाल ने प्रतिभागियों को डिजिटल कृषि, सिंचाई और फर्टिगेशन में स्वचालन, हाइड्रोपोनिक्स, वर्टिकल खेती और ऊर्जा-कुशल सौर ग्रीनहाउस सहित नवीन कृषि कार्यक्रम में विभाग के संकाय सदस्य, फील्ड स्टाफ और नौणी पंचायत के प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं।