निगम और एडीए के बीच झुग्गी-झोपड़ी की फाइलें बनीं फुटबॉल, लोग परेशान

Update: 2023-09-29 17:00 GMT
अजमेर। अजमेर शहर की 48 कच्ची बस्तियों में पट्टे देने का मामला पिछले 15 सालों से अधिक समय से अधर में है। कई बार अभियान चलाने के बावजूद आवेदकों को राहत नहीं मिल पा रही। अफसरों-कर्मचारियों द्वारा हर बार अलग-अलग तकनीकी कारणों का हवाला देकर असमर्थता जता दी जाती है। ऐसे में उसके हिस्से मायूसी ही आती है लेकिन पट्टा नहीं। वह मौके पर रहते हुए भी कागजों में मालिक नहीं बन पाता। अधिसूचित कच्ची बस्तियों में इस मर्तबा केवल 116 पट्टे ही जारी किए जा सके।
रामबाग कच्ची बस्ती, नागफणी, जवाहर नगर, चादर पाल बिछला, कंजर बस्ती रामगंज, लोहाखान, कोली बस्ती, रामगंज, लोगिया मोहल्ला, जादूगर, साधु बस्ती भगवान गंज,पुलिस लाइन, अजयनगर, मिस्त्री मोहल्ला, उत्तमचन्द सुनार का बाड़ा, चीता नगर (चौरसियावास) सुभाषनगर। अशोक नगर भट्टा, राबडिय़ा मोहल्ला, बावड़ी पाडा (झलकारी नगर), उदय गंज, भजन गंज, गुर्जर धरती, कुम्हार का बाड़ा, शंकर नगर, लूणकरण आहता, गुर्जर टीला, प्रतापनगर भट्टा, नागबाय, तोपदड़ा बंजारा बस्ती,तोपदड़ा बैरवा बस्ती, घूघरा घाटी, इंदिरा कॉलोनी मीरशाह अली, जटिया हिल्स, रेंबुल रोड, हरिनगर, गणेशगढ़, राजीव कॉलोनी एलआईसी कॉलोनी के पास, आंतेड बस्ती, बोराज रोड, बाबूगढ़, ऋषि घाटी , कमेला मोहल्ला, धानका बस्ती (पड़ाव), त्रिलोक नगर (हरिजन बस्ती), ईदगाह (हरिजन बस्ती), मसूदा नाड़ी, शांति नगर, मलूसर रोड बागड़ी बस्ती, भगवान गंज, सांसी बस्ती, बालूपुरा, मोडिया भैंरू।
शहर की 48 कच्ची बस्तियां तथा एडीए की पांच साल से अधिक पुरानी योजनाएं निगम व एडीए के बीच फुटबॉल बनी हुई हैं। नगर निगम को हस्तांतरित करने के लिए वर्ष 2015 में दोनों विभागों के आयुक्तों की बैठक के बाद कच्ची बस्ती निगम को हस्तांतरित करने की बात आई। प्रशासनिक बैठकों में यह मामला उठा लेकिन कोई खास नहीं हुआ। कच्ची बस्तियों में नियमन की शर्तों के चलते पट्टा देने की संख्या अपेक्षाकृत कम है। अजमेर विकास प्राधिकरण आयुक्त ने बताया कि प्राधिकरण ने अधिकांश योजनाओं में शत-प्रशित आंकड़े अर्जित किए हैं।
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