हिमाचल-पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी

Update: 2024-04-28 11:21 GMT
नालागढ़। औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ को पंजाब से जोडऩे वाले दभोटा पुल के निर्माण को लेकर बरती जा रही सुस्ती पर बीबीएन के उद्यमी विफर उठे है। इसी कड़ी में शनिवार को सुबह दस बजे उद्यमियों ने क्षतिग्रस्त पुल पर धरना दिया और पंजाब और हिमाचल सरकार के विरुद्व जमकर नारेबाजी की। उद्यमियों और अन्यों ने कहा कि हैरत की बात है की दस माह का अरसा बीत जाने के बाद भी न तो हिमाचल सरकार नींद से जागी और न पंजाब सरकार ने कोई सुध ली। उद्यमियों और सामाजिक संस्थाओं ने ट्रांसपोर्ट यूनियनों के साथ मिलकर उद्योग संगठन लघु उद्योग संघ के बैनर तले शनिवार सुबह ही दभोटा पुल पर डेरा डाल लिया, जिससे पंजाब सरकार भी सकते में आ गई। पंजाब सरकार को आशा नहीं थी कि इतनी संख्या में लोग यहां आकर पुल पर बैठकर उनकी सरकार के विरुद्व जमकर गुब्बार निकालेंगे।

धरने प्रदर्शन के बाद उद्यमियों और आम लोगों ने एक रोष रैली भी निकाली। यह रोष रैली पुल से होकर उस नदी तक गई जहां से वैकल्पिक तौर पर वाहनों की आवाजाही होती है। लघु उद्योग संघ के अध्यक्ष अशोक राणा अपनी टीम सहित नंगे पैर नदी में उतरे और उन्होने रोष जताया कि सरकारों के पास सब कुछ फ्री में बांटने के लिए पैसे है, लेकिन पुल बनाने के लिए बजट नहीं है। नदी में नंगे पैर उतरने का उनका मकसद था कि सरकारों को जनता की दिक्कतों का पता चले। प्रदर्शनकारी इसके बाद रोपड डीसी कार्यालय का घेराव करने का एलान कर चुके थे। पहले प्रदर्शनकारियों को एसडीएम आनंदपुर साहिब ने अपने पास बुलाया, लेकिन ज्यादा संख्या को देखते हुए तहसीलदार राजकल सेखों को मौके पर भेजा। तहसीलदार ने कहा कि इस पुल को लेकर आप सोमवार को आंनदपुर साहिब के एसडीएम को मिलें, ताकि पुल की स्थिति का पता चल सके।
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