SJVN को प्रदेश की ऊर्जा नीति का पालन करना ही होगा

Update: 2024-11-15 11:29 GMT
Rampur. रामपुर। यदि सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) राज्य की ऊर्जा नीति का पालन करने में विफल रहता है, तो हिमाचल प्रदेश सरकार 210 मेगावाट लूहरी स्टेज-1, 382 मेगावाट सुन्नी और 66 मेगावाट धौलासिद्ध जलविद्युत परियोजनाओं को अपने अधीन ले लेगी। इसके लिए एसजेवीएनएल को 15 जनवरी, 2025 तक का समय दिया गया है। रामपुर में चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय लवी मेले के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू यह बात कही। मेले में लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रत्येक बच्चे को शिक्षा प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन शिक्षकों और सुविधाओं के बिना यह संभव नहीं है। इसका समाधान करने के लिए बैचवाइज आधार पर 3000 शिक्षकों की नियुक्ति पहले ही की जा चुकी है, जबकि अन्य 3000 नियुक्तियों की प्रक्रिया चल रही हैं। सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों में मरीजों को रैफर करने की संख्या कम करने के लिए अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की है और महिलाओं को 1500 रुपए मासिक पेंशन देना शुरू कर दिया है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने लोगों को लवी मेले की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन सांस्कृतिक विरासत को
मजबूत करते हैं।
इससे पहले लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और मेले को सांस्कृतिक विरासत और व्यापारिक आदान-प्रदान का प्रतीक बताया। मुख्यमंत्री ने अंतराष्ट्रीय लवी मेला रामपुर के अवसर पर विभागों एवं अन्य एजेंसियों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। विभागीय प्रदर्शनी में जलशक्ति विभाग प्रथम रहा तथा उसे 5100 रुपए व स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए, जबकि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग दूसरे तथा पशुपालन विभाग तीसरे स्थान पर रहा तथा उन्हें क्रमश: 3100 और 2100 रुपए प्रदान किए गए। हस्तशिल्प प्रदर्शनी में प्रथम पुरस्कार सोलन जिला की मंजू, द्वितीय पुरस्कार किन्नौर जिला के सुदर्शन सिंह तथा तृतीय पुरस्कार ऊना जिला के राजीव कुमार को प्रदान किया गया। उन्हें क्रमश: 5100, 3100 और 2100 रुपए तथा स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। हथकरघा प्रदर्शनी में सांगला के भीमसेन को प्रथम पुरस्कार 5100 रुपए, रिकांगपिओ के धर्म लाल को द्वितीय पुरस्कार 3100 रुपए तथा चासू के विद्या सागर को तृतीय पुरस्कार 2100 रुपए प्रदान किए गए।
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