अफगानिस्तान में स्थिति गंभीर, नागरिकों को निकालने की प्राथमिकता : विदेश मंत्री

Update: 2021-08-26 12:14 GMT

नई दिल्ली। अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए आज केंद्र ने सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) बुलाई. इस बैठक में 30 से ज्यादा दलों के नेताओं ने भाग लिया. बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने अफगानिस्तान के हालतों से राजनीतिक पार्टियों को अवगत कराया और यह भी बताया कि भारत का क्या नजरिया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में तालिबान (Taliban) के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान में संकट (Afghanistan Crisis) बेहद गंभीर है और सरकार की प्राथमिकता वहां फंसे भारतीयों को बाहर निकालने की है. 

विदेश मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन देवी शक्ति के तहत भारत कुल 6 उड़ानें संचालित कर रहा है और हम अधिकांश लोगों को वापस लेकर आए हैं. उन्होंने बताया कि कुछ लोग वापस नहीं आ पाए क्योंकि वह उड़ान के समय एयरपोर्ट नहीं पहुंच पाए थे. विदेश मंत्री ने बताया कि आज गुरुवार को अभी 37 लोगो को वापस लाया गया है और हमारी पूरी कोशिश है कि सभी लोगों को वहां से बाहर निकाल लें. सूत्रों की मानें तो सरकार ने नेताओं को जानकारी देते हुए कहा कि सरकार अभी तालिबान के मसले पर वेट एंड वाच के मोड़ पर है.

साढ़े तीन घंटे तक चली इस सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों के ज्यादातर सवाल नागरिकों की सुरक्षा और बचाव से संबंधित थे. विदेश मंत्री ने विपक्षी दलों को बताया कि अभी तक अफगानिस्तान से करीब 565 लोगों को निकाल लिया गया है. इसके साथ ही विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी आपातकालीन नंबर पर करीब 3 से ज्यादा कॉल्स का जवाब दिया गया है. विदेश मंत्री ने जानकारी दी कि सर्वदलीय बैठक में शामिल होने वाले सभी दलों ने सरकार के साथ होने की बात कही. डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि तालिबान ने दोहा में शांति समझौते के बात को कायम नहीं रखा. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत अधिक से अधिक लोगों को अफगानिस्तान से बाहर लाने की कोशिश कर रहा है, मंत्री ने कहा और भारतीय कर्मियों को निकालना एक "सर्वोच्च प्राथमिकता" थी.

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