शिक्षा विभाग में शिक्षकों-गैरशिक्षकों की कमी

Update: 2024-12-19 11:32 GMT
Shimla. शिमला। प्रदेश के स्कूलों और कालेजों में शिक्षा के ढांचे को यदि मजबूत करना है, तो सबसे पहले सरकार के पास खाली पदों को भरने की चुनौती है। इसमें शिक्षक हो गैर शिक्षक स्टाफ दोनों ही कैटेगरी में हजारों पद वर्तमान में स्कूल, कालेजों में खाली चल रहे हैं। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में शिक्षक और गैर शिक्षक स्टाफ की कुल 12009 पदों पर रिक्तियां चल रही है। इसमें प्रिंसीपल से लेकर असिस्टेंट प्रोफेसर सहित गैर शिक्षक कर्मचारियों के पद खाली है। आंकड़ों के मानें, तो इसमें स्कूल प्रिंसीपल के कुल 2936 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 510 पद खाली चल रहे हैं। इस साल दिसंबर तक स्कूलों में 300 प्रिंसीपल
रिटायर हो जाएंगे।


ऐसे में विभाग के पास इन पदों को भरने के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसके साथ ही कालेज प्रिंसीपल में कुल स्वीकृत 140 पदों में से 40 पद प्रिंसीपल के खाली चल रहे हैं। कालेजों में इस समय सबसे बड़ी चुनौती यह है कि नए सेशन से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया जाना है, लेकिन वर्तमान में कार्यकारी प्रोफेसर प्रिंसीपल का कार्यभार देख रहे हैं। ऐसे में जिन कालेजों में प्रिंसीपल है ही नहीं वहां कैसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होगी। यही हाल स्कूलों का है। वहीं 1424 पद ऐसे हैं, जो निष्क्रिय हो गए हैं। इसमें लेक्चरर वोकेशनल के 30, असिस्टेंट लाइब्रेरियन के 192, मैकेनिक का एक और लेक्चरर पीजीईटी के पद अब नॉन फंक्शन हो गए हैं। इन पदों को अब डाइंग कैंडर में डाल दिया है। साथ ही खाली पदों में सबसे बड़ा आंकड़ा स्कूल लेक्चरर के पदों का है।
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