सिम्स के वायरोलॉजी लैब में स्टाफ की कमी

Update: 2024-03-16 05:06 GMT

बिलासपुर। संभाग के सबसे बडे अस्पताल सिम्स के वायरोलॉजी लैब में स्टाफ का संकट मंडराने लगा है। ऐसे में लैब में मरीजों की जांच प्रभावित होगी। यहां संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों की अवधि 6 अप्रैल को समाप्त हो रही है। इनकी सेवा बढ़ाने के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग के साथ ही डीन और स्वास्थ्य संचालक भी उदासीन हैं। ऐसे में सिम्स में कोरोना के आरटी-पीसीआर सहित दूसरे सैंपलों की जांच बंद हो जाएगी।

कोरोना वायरस के नए-नए वैरिएंट फैलने की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने पहले स्वास्थ्य विभाग तैयारियां करने के निर्देश दिए थे। तब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने खुद मीटिंग ली थी। साथ ही उन्होंने अस्पतालों में ढांचागत सुविधाओं को व्यवस्थित करने के निर्देश दिए थे। लेकिन, संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज सिम्स के एकमात्र वायरोलॉजी लैब में साइंटिस्ट और टेक्नीशियन और स्टाफ की कमी का संकट होने वाला है।

सिम्स के माइक्रो बायलॉजी डिपार्टमेंट में संचालित वायरोलॉजी लैब में सन्नाटा पसरा हुआ था। यहां एक महिला और एक पुरुष स्टाफ मिले। उन्होंने बताया कि वे दूसरे विभाग से यहां अटैच हैं। एक आयुष्मान कार्ड का काम देखता है। अभी वायरोलॉजी लैब में एंट्री का काम देख रहा है। लेकिन, अभी गिने-चुने ही एंट्री हो रही है। यही वजह है कि संविदा स्टाफ का नवीनीकरण करने के लिए अफसर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

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