'जूता मार' होली: मस्जिद के आस-पास पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा, प्लास्टिक की शीट से ढकी गई, लगे सीसीटीवी कैमरे, जाने क्यों?

Update: 2021-03-25 10:02 GMT

कोरोना वायरस के संकट के बीच देश में होली के त्योहार की तैयारियां शुरू हो गई हैं. उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की होली काफी चर्चित है. लेकिन इस बार होली के जश्न के लिए खास तैयारी की जा रही है. यहां प्रशासन ने इलाके में करीब 40 मस्जिदों को प्लास्टिक की शीट से ढक दिया है, ताकि होली के दिन यहां कोई अप्रिय घटना ना हो पाए.

दरअसल, यूपी के शाहजहांपुर की होली काफी सुर्खियों में रहती है. यहां होली का जश्न मनाते हुए एक जुलूस निकाला जाता है, जिसमें लाट साहब (अंग्रेजी हुकूमत के अफसर) के पुतले को एक बैलगाड़ी में बैठाकर उसपर जूते बरसाए जाते हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इसी जुलूस को लेकर प्रशासन ने खास तैयारी की है. जुलूस के रास्ते में जहां पर मस्जिद पड़ती हैं, उनके आस-पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है और हर तरह से नज़र रखी जा रही है.
शाहजहांपुर के एसपी संजय कुमार के मुताबिक, जुलूस के रास्ते में पड़ने वाली मस्जिदों को प्लास्टिक की शीट से ढका जा रहा है. ताकि कोई भी व्यक्ति जुलूस के वक्त इनपर रंग ना फेंके, जिससे माहौल बिगड़ने की स्थिति बने. एसपी के मुताबिक, कुछ मस्जिदों को ढक दिया गया है जबकि सभी को 28 मार्च से पहले ही ढक दिया जाएगा.
एसपी के मुताबिक, जुलूस के मद्देनज़र रूट पर अलग-अलग हिस्सों में बैरिकेडिंग की गई है जबकि कुछ रास्तों को बंद कर दिया गया है. रूट में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और ड्रोन कैमरे से भी नज़र रखी जा रही है.
अंग्रेजों की जमाने से मन रही जूता मार होली
आपको बता दें कि शाहजहांपुर में 18वीं सदी से ही जूता मार होली मनाई जाती है. तब अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ गुस्सा प्रकट करने के लिए स्थानीय लोगों ने इसकी शुरुआत की थी. जब 1947 में देश को आजादी मिली, तब भी इस ट्रेडिशन को जारी रखा गया. जूता मार होली को दो हिस्सों में मनाया जाता है, जहां बड़े लाट साहब और छोटे लाट साहब का जुलूस निकाला जाता है. 
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