राजस्थान में कांग्रेस को झटका: अपने ही मंत्रियों के गढ़ में हारी कांग्रेस...14 जनपदों में बीजेपी का कब्ज़ा
राजस्थान के पंचायत चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सियासी जादू नहीं चल सका है. कांग्रेस को पंचायत चुनाव में जबरदस्त झटका लगा जबकि विपक्ष में रहते हुए बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया है. प्रदेश के 21 जिलों में हुए जिला परिषद और पंचायत के चुनाव में बीजेपी कांग्रेस को मात देने में सफल रही है. इतना ही नहीं गहलोत कैबिनेट के पांच नेताओं के जिले में भी कांग्रेस को हार का समाना करना पड़ा है.
राजस्थान में कुल 4371 पंचायत समिति पर चुनाव हुए हैं, जिनमें से बीजेपी ने 1911 पंचायत सीटें जीती हैं जबकि कांग्रेस को 1780 पर जीत मिली है. इसके अलावा 425 पंचायत में निर्दलीयों ने जीत दर्ज की है और 3 बसपा, 1 एनसीपी, 56 आरएलपी और सीपीआईएम ने 16 पंचायत समितियों में जीत दर्ज की है.
वहीं, जिला परिषद की कुल 636 सीटों पर चुनाव हुए हैं, जिनमें से कांग्रेस 252 जबिक बीजेपी 353 सीटें जीतने में कामयाब रही है. आरएलपी 10 सीट पर जीती है. इसके अलावा 18 निर्दलीय और बाकी सीटें अन्य के खाते में गई हैं. इस तरह से बीजेपी 14 जिलों में अपना अध्यक्ष बनाने में कामयाब रहेगी जबकि कांग्रेस सिर्फ पांच जिलों में अपना अध्यक्ष बना सकेगी. इसके अलावा नागौर जिले में हनुमान बेनीवाल की पार्टी किंगमेकर की भूमिका में है. ऐसे ही डूंगरपुर में बीटीपी के हाथ में जिला प्रमुख की चाबी होगी. पंचायत चुनाव में बीजेपी की जीत पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बधाई दी है.
बीजेपी अजमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, पाली, राजसमंद, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बूंदी, चितौड़गढ़, चूरू, सीकर, टोंक और उदयपुर में जिला प्रमुख बनाने में कामयाब रहेगी. वहीं, कांग्रेस बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, हनुमानगढ़ और जैसलमेर जिले में ही अपना परिषद अध्यक्ष बना पाएगी. इस तरह से गहलोत कैबिनेट के रघु शर्मा के अजमेर, उदयलाल आंजना के निंबाहेड़ा, गोविंद डोटासरा के लक्ष्मणगढ़ और खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना के हिंडौली जिले में कांग्रेस को हार मिली है. इसके अलावा पूर्व डिप्टीसीएम सचिन पायलट के टोंक और उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी के क्षेत्र नावां में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है.
दिग्गज नेताओं के रिश्तेदार हारे
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल के बेटे रवि शेखर बीकानेर जिला परिषद सदस्य का चुनाव हार गए हैं. ऐसे ही सादुलपुर से कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया की सास और देवरानी भी पंचायत समिति सदस्य के चुनाव में हारी हैं. सरदारशहर से कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा की पत्नी मनोहरीदेवी शर्मा अपने देवर निर्दलीय प्रत्याशी श्यामलाल शर्मा से पंचायत समिति सदस्य का चुनाव हार गई हैं. बीजेपी विधायक गोपीचंद मीणा की मां उगमा देवी हाजपुर पंचायत समिति का चुनाव हार गईं हैं. गढ़ी से बीजेपी विधायक कैलाश मीना की पुत्रवधू भी चुनाव हार गई हैं. श्रीमाधोपुर के पूर्व विधायक झाबर खर्रा के बेटे दुर्गा सिंह और कांग्रेस की पूर्व विधायक कान्ता भील के पुत्र अरथूना से हार गए हैं.