शिवसेना ने GST को बताया 'जजिया कर'

Update: 2022-07-19 01:44 GMT
मुंबई। रोजमर्रा की चीजों पर जीएसटी लगाए जाने पर शिवसेना ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा, तमाम आवश्यक वस्तुओं के दाम आसमान में पहुंचाने के बाद मोदी सरकार ने ''किचन' की जरूरी वस्तुओं पर 'जीएसटी' का हमला चढ़ाया है. शिवसेना ने GST की तुलना मुगलों के समय लगने वाले जजिया कर से की. इतना ही शिवसेना ने कहा, मोदी सरकार में जीना तो महंगा हो ही गया, लेकिन अब जीएसटी ने मरना भी महंगा कर दिया.

सामना में लिखा, रसोईघर में प्रतिदिन इस्तेमाल की जानेवाली दही, छाछ, पनीर, पैकेट बंद आटा, चीनी, चावल, गेहूं, सरसों, जौ आदि वस्तुओं पर पहली बार ही पांच फीसदी जीएसटी लगाई गई है. इससे पहले जीएसटी के ऐलान के वक्त पीएम मोदी ने कहा था कि जीवनावश्यक वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगेगी. लेकिन अब उनकी सरकार ने ही इन पर टैक्स लगा दिया. शिवसेना ने कहा, 'अच्छे दिन' का गाजर तो सरकार ने पहले ही तोड़कर खा लिया है, किंतु यह सपना दिखाकर सत्ता में आनेवालों को कम-से-कम जीवनावश्यक वस्तुओं की दर बढ़ाने के दौरान 'जन' की नहीं, बल्कि 'मन' की तो सुननी चाहिए थी.

सामना में आगे लिखा गया, इतना ही नहीं बल्कि श्मशान में लगने वाले अंतिम संस्कार की सामग्री पर भी अब 12 फीसदी की बजाय 18 फीसदी जीएसटी वसूली जाएगी. यह मौत की चौखट पर मोदी सरकार द्वारा की जानेवाली 'कर वसूली' ही है. इसके अलावा आपकी मृत्यु के बाद प्रवास शुरू ही नहीं होगा. मोदी सरकार के दौर में आम जनता का. जीना तो महंगा हो ही गया है लेकिन अब जीएसटी की कृपा से मरना भी महंगा कर दिया है. 

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