राज्य सरकार ने सभी मेडिकल कॉलेजों और सरकारी अस्पतालों में CCTV कैमरे लगाने के दिए निर्देश
Bhopalभोपाल: पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई दुखद घटना के बाद, मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पतालों में सीसीटीवी निगरानी के निर्देश जारी किए हैं। एएनआई से बात करते हुए, उपमुख्यमंत्री और लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री, राजेंद्र शुक्ला ने कहा, "हम सभी को डॉक्टरों की सुरक्षा के प्रति अधिक सक्रियता और संवेदनशीलता से काम करने की जरूरत है क्योंकि पश्चिम बंगाल की घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया है। इसलिए निर्देश दिए गए हैं कि सभी मेडिकल कॉलेज , अस्पताल, खासकर स्त्री रोग वार्ड और ऐसी जगहें जहाँ महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है, सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाए। ताकि किसी भी अपराध को अंजाम देने वालों को पकड़ना आसान हो सके।"
मध्य प्रदेश सरकार निगरानी को और मजबूत बनाने के लिए बहुत संवेदनशील है रात्रि में निरीक्षण एवं निगरानी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि डीन एवं अधीक्षकों को निरंतर सतर्क रहने, सावधानी बरतने एवं हर चीज पर कड़ी नजर रखने के स्थायी आदेश हैं। सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए हमने मानक बनाए हैं। जिन मेडिकल कॉलेजों में मानक के अनुसार मैनपावर कम है, वहां मैनपावर बढ़ाने के निर्देश दिए जा रहे हैं, ताकि सुरक्षा की कमी को दूर किया जा सके। हम सरकारी अस्पतालों में भी यह व्यवस्था करेंगे। संचालक चिकित्सा शिक्षा (मप्र) ने 14 अगस्त को सभी मेडिकल कॉलेजों के डीन को निर्देश जारी किए थे , जिनका तत्काल प्रभाव से पालन सुनिश्चित किया जाएगा। अति संवेदनशील क्षेत्रों जैसे पार्किंग, बेसमेंट, छत, सीढ़ियां एवं ऐसे स्थान जहां लोगों की आवाजाही कम हो, वहां सीसीटीवी कैमरे , लाइटिंग एवं सुरक्षा कर्मियों की व्यवस्था की जाए। सभी मेडिकल कॉलेज /अस्पतालों के प्रवेश एवं निकास द्वार पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि असामाजिक तत्वों का प्रवेश वर्जित रहे। असामाजिक गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए सुरक्षा कर्मी निरंतर राउंड लें। डीन एवं अधीक्षक द्वारा रात्रि में परिसर में राउंड लेना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि मरीजों और उनके परिजनों की सुरक्षा के लिए समुचित प्रबंध किए जाएं। सभी मेडिकल कॉलेज स्थानीय पुलिस/प्रशासन से भी सतत निगरानी का अनुरोध करें और गश्ती की जाए। अगर परिसर में पुलिस चौकी है तो उन्हें परिसर की सुरक्षा के लिए कार्रवाई करने के निर्देश जारी करें। साथ ही, गंभीर मरीजों के अलावा अस्पताल में एक मरीज के साथ केवल एक ही अटेंडेंट को रहने की अनुमति हो, यह सुनिश्चित करें और शाम 6 बजे के बाद अनावश्यक लोगों को अस्पतालों के प्रवेश द्वारों और वार्डों में न रखें। (एएनआई)