MP उपचुनाव को लेकर शिवराज ने संभाली कमान, कांग्रेस सक्रिय नहीं, जानें किन मुद्दों पर बिछेगी चुनावी बिसात

मध्य प्रदेश में भले ही उपचुनाव की तारीखों का एलान नहीं हुआ.

Update: 2021-09-25 18:30 GMT

भोपाल,  मध्य प्रदेश में भले ही उपचुनाव की तारीखों का एलान नहीं हुआ हो लेकिन भाजपा ने चुनावी मुकाबले के लिए कमर कस ली है। भाजपा ने उपचुनाव वाले क्षेत्र में अभी से चुनावी बिगुल फूंक दिया है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से की जा रही तैयारियों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सूबे के मुख्‍यमंत्री एवं वरिष्‍ठ भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने उपचुनाव वाली चारों सीट पर दूसरे दौर का प्रचार अभियान भी शुरू कर दिया है। हालांकि अभी तक कांग्रेस नेता कमल नाथ सक्रिय नहीं हो पाए हैं।

इन मुद्दों पर बिछेगी सियासी बिसात
भाजपा 'शिवराज सरकार, भरोसा बरकरार' के नारे के साथ ताबड़तोड़ जन सभाएं करके नई घोषणाएं कर रही है। दूसरी ओर कांग्रेस का प्रचार अभियान कमल नाथ सरकार के 15 महीनों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण की बात के साथ सीमित है। बता दें कि आने वाले वक्‍त में मध्‍य प्रदेश में विधानसभा की तीन सीटों जोबट, पृथ्वीपुर और रैगांव में उपचुनाव होने हैं। साथ ही लोकसभा की खंडवा सीट पर भी उपचुनाव होंगे।
...ताकि ना जाए नकारात्‍मक संदेश
सियासी विश्‍लेषक बताते हैं कि इन उपचुनावों में हार जीत से सत्तारूढ़ भाजपा की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। फि‍र भी भाजपा ने मिशन 2023 को ध्‍यान में रखते हुए पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा की कोशिश है कि उसे इन चुनावों में जीत हासिल हो ताकि सूबे की जनता के बीच गलत संदेश ना जाने पाए। सूत्रों का कहना है कि भाजपा के प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव पी. मुरलीधर राव, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश जैसे दिग्गज तैयारियों पर नजर रख रहे हैं।
मंत्रियों को दिए निर्देश

भाजपा की ओर से सभी मंत्रियों को चुनावी तैयारियों की जिम्मेदारी दे दी गई है। यही नहीं मंत्रियों को राशन कार्ड से लेकर बिजली बिल और अन्य जनसमस्याओं की समीक्षा करने के निर्देश जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को सभी मंत्रियों को निर्देश दिया कि वे आगामी 27 से सात अक्टूबर तक चलने वाले सुराज अभियान में जनता के बीच जाएं और उनकी समास्‍याओं का समाधान करें।

शिवराज ने संभाली कमान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उपचुनाव वाले क्षेत्रों में लोगों के बीच जाकर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ पर आरोप लगा रहे हैं कि वे ऐसे मुख्यमंत्री थे जो जनता के बीच जाते ही नहीं थे। शिवराज कहते हैं कि मैं लोगों के बीच जाता हूं तो उनको (कांग्रेस) को बुरा लगता है कि मुख्यमंत्री जनता के बीच जा रहा है। जनदर्शन कर रहा है। शिवराज रैलियों में जमा भीड़ से सवाल करते हैं कि आप ही बताएं मैं जनदर्शन नहीं करूं तो क्या कमल नाथ के दर्शन करूं।
कमल नाथ ने नहीं शुरू किए दौरे
वहीं कमल नाथ सर्वे और बैठकों तक ही सीमित हैं। उन्होंने अब तक चुनाव क्षेत्रों के दौरे शुरू नहीं किए हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कमल नाथ अक्टूबर से दौरों की शुरुआत करेंगे। कांग्रेस नेता बताते हैं कि पार्टी 15 महीने के शासन को उपलब्धि के तौर पर बताकर ओबीसी वर्ग को आरक्षण और किसान कर्ज माफी का मुद्दा उठाएगी। दूसरी ओर भाजपा नेताओं का कहना है कि वे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और सूबे की शिवराज सिंह चौहान सरकार की उपलब्धियों को बताकर चुनावी ताल ठोकेंगे।
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