मुंबई: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र में नई सरकार बनी है। इसके बाद पिछले कुछ दिनों से चल रहा सत्ता का ड्रामा खत्म हो गया। शिवसेना नेता संजय राउत ने फडणवीस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, "भाजपा लगातार कहती रही कि उनका शिंदे के विधायकों के खिलाफ विद्रोह से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन अमृता फडणवीस ने उनके दावों को खोखला साबित कर दिया।''
संजय राउत ने कहा, "महाराष्ट्र में काले धन की बाढ़ कैसे आई। नागपुर और ठाणे के हारून-अल-रशीद भेष बदलकर बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को विभाजित करने की साजिश को अंजाम देने के लिए मिल रहे थे।" राउत ने कहा, ''एकनाथ शिंदे ने विधायकों के साथ जो बगावत की इसका भाजपा से संबंध नहीं है, ऐसा कहनेवाले भाजपाइयों की पोल खुल चुकी है। शिंदे ने खुद ही पर्दे के पीछे की सारी साजिश विधानसभा में खोलकर रख दी और अब अमृता फडणवीस ने भी घर का गुप्त राज सार्वजनिक कर दिया है।''
आपको बता दें कि अमृता ने कहा था कि इस पूरे दौर में देवेंद्र फडणवीस रात-बिरात वेश बदलकर शिंदे से मिलने बाहर जाते थे।
राउत ने कहा, ''काला कोट, काला चश्मा, फेल्ट हैट इस तरह जेम्स बॉन्ड अथवा शेरलॉक होम्स जैसा वेश बनाकर वे बाहर निकलते रहे होंगे। उनके मुंह में सिगार वगैरह और हाथ में नक्काशीदार छड़ी होती थी क्या? इसका खुलासा होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी कपड़ों के व रूप बदलकर घूमने के शौकीन हैं, परंतु फडणवीस भी वही करने लगे। उन्होंने शिंदे से मिलने जाने के दौरान कई बार नकली दाढ़ी और मूंछें भी लगाई होंगी। इन तमाम रहस्यों से उनकी पत्नी अमृता फडणवीस ने पर्दा नहीं उठाया होता तो इस महान कलाकार से महाराष्ट्र का परिचय नहीं हुआ होता। अमृता फडणवीस का जितना आभार माना जाए उतना कम ही है।''
शिवसेना सांसद ने सामने में अपने संपादकीय में आगे लिखा, ''फडणवीस ने महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन कराने के लिए जो वेश बदला वो तमाम कपड़े और दूसरी सामग्री आनेवाली पीढ़ी के लिए किसी संग्रहालय में ही रखनी चाहिए। बगदाद के खलीफा हारुन-अल-रशीद कई बार वेश बदलकर अपने राज्य में रात में घूमते थे। परंतु वे क्यों घूमते होंगे? अपने राज्य का प्रशासन, सरदार प्रजा से सही बर्ताव कर रहे हैं न? प्रजा की समस्या क्या है? अपना शासन सुचारु ढंग से चल रहा है न? राज-काज करने के दौरान कोई हमें फंसा तो नहीं रहा है न? ये जानने के लिए। परंतु नागपुर व ठाणे के हारुन-अल-रशीद वेश बदलकर मिलते थे, तो बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को तोड़ने की साजिश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए। हारुन-अल-रशीद एक महान खलीफा होने के साथ-साथ बगदाद के लिए जिस तरह से अच्छे राजा थे उसी तरह चोर और लुटेरों की भी भरमार थी।''