मुंबई. शिवसेना (UBT) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा है. उद्धव ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जब 'राजधर्म' की बात की थी, तो बाल ठाकरे ने पीएम मोदी को बचाया था. अगर ऐसा नहीं होता तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इतनी दूर नहीं आते. साथ ही कहा कि मैं भले ही बीजेपी से अलग हो गया, लेकिन मैंने हिंदुत्व को कभी नहीं छोड़ा.
उद्धव ने कहा कि बीजेपी का मतलब हिंदुत्व नहीं है. उत्तर भारतीय जवाब चाहते हैं कि हिंदुत्व क्या है? एक-दूसरे से नफरत करना हिंदुत्व नहीं है. 25-30 साल तक शिवसेना ने पॉलिटिकल दोस्ती की रक्षा की. उन्होंने कहा कि हिंदुत्व का मतलब हमारे बीच गर्मजोशी है. उद्धव ने कहा कि बीजेपी को अकाली दल, शिवसेना से कोई मतलब नहीं था.
उद्धव ने कहा कि यह बालासाहेब ठाकरे थे, जिन्होंने वर्तमान प्रधानमंत्री को बचाया था. क्योंकि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी चाहते थे कि गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी 'राजधर्म' का पालन करें, लेकिन बालासाहेब ने यह कहते हुए हस्तक्षेप किया कि यह समय की जरूरत है. अगर ऐसा नहीं होता तो वह (मोदी) यहां नहीं पहुंचे होते.
उद्धव ठाकरे ने मुंबई में उत्तर भारतीयों की एक सभा को संबोधित करते हुए भाजपा पर हिंदुओं के बीच दरार पैदा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि शिवसेना के संस्थापक ने कभी नफरत नहीं पाली. उन्होंने कहा कि हिंदू होने का मतलब कभी भी मराठी होना और उत्तर भारतीयों से नफरत करना नहीं था. बालासाहेब उन लोगों के खिलाफ थे जो भारत विरोधी थे, भले ही उनका धर्म कुछ भी हो. उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह अपनी गरिमा की रक्षा के लिए भाजपा के साथ गठबंधन से बाहर चले गए और 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद महा विकास अघाड़ी (एमवीए) बनाने के लिए राकांपा और कांग्रेस से हाथ मिला लिया. ठाकरे ने कहा कि जब भी वह उत्तर भारतीयों या मुसलमानों से मिलते हैं और उनके हिंदुत्व पर सवाल उठाए जाते हैं तो वह बदनाम करने वाले अभियान का शिकार हो जाते हैं.