शेल्टर होम यौन शोषण मामला: बिहार की नीतीश सरकार को 'सुप्रीम' आदेश, मांगी एक्शन टेकन रिपोर्ट
पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर में शेल्टर होम यौन शोषण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से एक्शन टेकन रिपोर्ट (ATR) मांगी है. दरअसल, CBI ने अपनी जांच रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन शोषण मामले में कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी. सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार की तरफ से पेश वकील मनीष कुमार ने कहा कि कुछ अधिकारियों पर एक्शन लिया गया है. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट 2 हफ्ते बाद यानी अप्रैल में करेगा. तब तक बिहार सरकार भी इस मामले में अपनी कार्रवाई की रिपोर्ट सौंप देगी.
बता दें कि मुजफ्फरपुर के बालिका संरक्षण गृह में 34 छात्राओं के यौन उत्पीड़न की पुष्टि के बाद हुई पूछताछ में पता चला था कि लड़कियों को नशीली दवाएं देकर उनके साथ मारपीट और शोषण किया गया. इस मामले में सीबीआई जांच के बाद कोर्ट ने इस शेल्टर होम के संचालक और मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
इस घिनौने अपराध में ब्रजेश ठाकुर समेत 19 आरोपी थे. इनमें ठाकुर सहित 11 को उम्रकैद की सजा हुई् थी. आरोपियों को नाबालिग बच्चियों के यौन शोषण के लिए पोक्सो एक्ट सहित NDPS और आर्म्स एक्ट सहित IPC की कई धाराओं में आरोप सिद्ध होने पर सजा सुनाई गई थी. इनमें मुजफ्फरपुर में बाल कल्याण समिति के पूर्व प्रमुख वर्मा, सदस्य कुमार और अन्य आरोपियों गुड्डू पटेल, किशन, रामानुज, शाइस्ता परवीन, इंदु, मंजू, चंदा, मीनू, नेहा, हेमा मसीह और किरण सहित अन्य आरोपी शामिल हैं.
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के वक्त मंजू वर्मा समाज कल्याण विभाग की मंत्री थीं, जिनकी नाक के नीचे बालिका गृह कांड हुआ. इस कांड के उजागर होने के बाद मंजू वर्मा पर इस्तीफे का दबाव बना और आखिरकार उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना भी पड़ा था. इस पूरे मामले में कथित रूप से मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा के भी शामिल होने की बात सामने आई थी. बालिका गृह कांड की जांच के दौरान पुलिस ने मंजू वर्मा के घर पर छापेमारी की थी, जहां से अवैध हथियार और कई कारतूस बरामद किए गए थे. इस पूरे मामले में मंजू वर्मा और उसके पति को गिरफ्तार किया गया था और जेल जाना पड़ा था.