ईआरसीपी मुद्दे पर शेखावत बोले- जल परियोजना रोकने के लिए राज्य सरकार दोषी और पापी
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दौसा। दौसा दौरे पर रहे केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पार्टी पदाधिकारियों की बैठक ली, उसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कई मुद्दों पर राज्य सरकार को घेरा. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत मंगलवार को दौसा जिले के दौरे पर रहे. शेखावत ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) और कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अराजकता का माहौल है, कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गयी है. कांग्रेस नेता अपनी कुर्सी बचाने में लगे हुए हैं. किसान परेशान हैं, युवा अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और महिलाएं डरी हुई हैं। बेटियों के मां-बाप की जान सांसत में है. ऐसे हालात सिर्फ इसलिए बने हुए हैं क्योंकि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता सिर्फ और सिर्फ कुर्सी पर बने रहना है.
ईआरसीपी को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट पर राजनीति कर रही है. राज्य की 40 फीसदी आबादी के प्यासे कंठों से राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने की कोशिश की जा रही है, जिससे 13 जिलों की जनता त्रस्त और बदहाल है. मैंने मुख्यमंत्री को कई पत्र लिखकर इस परियोजना को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है। 10 बैठकें आयोजित कीं, लेकिन दुर्भाग्य से राज्य सरकार का कोई प्रतिनिधि उनमें शामिल नहीं हुआ. इसके बाद केंद्र सरकार के अधिकारियों ने जयपुर में एक बैठक आयोजित की, लेकिन उस बैठक में भी मुख्यमंत्री और जल संसाधन मंत्री शामिल नहीं हुए. प्रदेश की कांग्रेस सरकार की हठधर्मिता के कारण 13 जिलों की जनता की आवाज आज भी प्यासी है।
उन्होंने कहा कि ईआरसीपी से 80 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होगी, जिस पर कुल 40 हजार करोड़ रुपये का खर्च आयेगा. जिसमें मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार को सिर्फ 10 फीसदी के हिसाब से 4 हजार करोड़ रुपए खर्च करने होंगे. इसके बावजूद राज्य सरकार 75 प्रतिशत जल निर्भरता का प्रोजेक्ट नहीं भेज रही है, क्योंकि कांग्रेस सरकार को 13 जिलों की जनता की चिंता नहीं है. वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. प्रदेश की कांग्रेस सरकार ईआरसीपी पर राजनीति कर रही है और जनता के साथ अहित कर रही है। पानी के इस अति महत्वपूर्ण मुद्दे को लटकाने की दोषी और पापी राजस्थान सरकार है।