शशि थरूर ने कहा, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने किया सेल्फ गोल

Update: 2023-08-09 11:01 GMT
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बुधवार को कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में पार्टी नेता राहुल गांधी के 'आक्रामक भाषण' पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सेल्फ गोल कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ईरानी का भाषण पूरी तरह से इस बात पर केंद्रित था कि तुम्हारें यहां तो ये हुआ है, वो हुआ है। यह परोक्ष रूप से केंद्र सरकार की विफलताओं के विपक्ष के दावों का समर्थन करता था।
पार्टी नेता राहुल गांधी के भाषण की सराहना करते हुए थरूर ने एक ट्वीट में कहा, "अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में राहुल गांधी का जोरदार भाषण और उसके बाद लोकसभा में जीवंत दृश्य।" केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ईरानी पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, “स्मृति ईरानी की प्रतिक्रिया पूरी तरह से हवा हवाई थी, उन्होंने कांग्रेस शासन के तहत कई दशकों से चली आ रही घटनाओं और अत्याचारों की एक श्रृंखला का जिक्र किया, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि यह साबित हो गया है कि चीज़ें पहले भी उतनी ही ख़राब थीं।”
उन्होंने कहा, “उनका तर्क परोक्ष रूप से भारत सरकार की विफलताओं के विपक्ष के दावों का समर्थन करती है। वह जो कुछ भी कह रही थी उसका मतलब यह है कि “तो क्या हुआ?” तुम भी बुरे थे। इन सब बातों का सहारा लेना एक ऐसी स्वीकृति है कि आपके पास कोई ठोस जवाब नहीं है। ये एक सेल्फ गोल है, स्मृति जी।'' थरूर की टिप्पणी तब आई जब राहुल गांधी ने लोकसभा में अपने 37 मिनट के भाषण के दौरान मणिपुर हिंसा को लेकर भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि "भाजपा की राजनीति ने मणिपुर में हिन्दुस्तान का कत्ल कर दिया है"।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री का अहंकार पूरे देश को जला रहा है। राहुल गांधी के भाषण के बाद ईरानी ने पिछले कांग्रेस शासनों की "विफलताओं" को उजागर करते हुए अतीत में हुई हिंसा की कई घटनाओं का जिक्र किया। राहुल गांधी के भाषण के बाद अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ बोलते हुए ईरानी ने कहा कि सभी समस्याओं की जड़ वंशवाद की राजनीति है। उन्होंने 1990 के दशक के कश्मीर विद्रोह के दौरान कश्मीरी पंडितों के खिलाफ हिंसा, सिख दंगा के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं की एक श्रृंखला को सूचीबद्ध किया। साथ ही असम में हिंसा और यहां तक कि विपक्ष शासित राज्य राजस्थान और पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की हालिया घटनाएं बताई।
उन्होंने कहा कि भारत की आवाज की बात करने वालों ने कभी कश्मीरी पंडितों और सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों की आवाज नहीं सुनी।
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