शशि थरूर ने लगाया आरोप, बोले- अधिकारियों को दिया गया था IT समिति की बैठक में न शामिल होने का निर्देश

शशि थरूर ने संसद में गतिरोध के लिए भी भाजपा को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया।

Update: 2021-08-08 14:45 GMT

शशि थरूर ने संसद में गतिरोध के लिए भी भाजपा को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया। कि भगवा दल ने अपने हितों के लिए लोकतंत्र के मंदिर को एक रबर स्टांप बनाकर रख दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ साक्षात्कार में शशि थरूर ने कहा कि भाजपा ने संसद को एक नोटिस बोर्ड की तरह बना दिया है जिसका इस्तेमाल वह अपने एकतरफा फैसलों की घोषणा करने के लिए कर रही है। इसके साथ ही कांग्रेस सांसद थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा।

प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर कि विपक्ष संसद का अपमान कर रहा है, कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दे (पेगासस जासूसी मामा) पर कोई भी जवाब देने से इनकार कर दिया है, यह लोकतंत्र का और उन सामान्य भारतीय नागरिकों का अपमान है, जिनका प्रतिनिधित्व करने का दावा यह सरकार करती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने कहा कि चर्चा और जिम्मेदारी संसद का असली अपमान है।
इस सवाल पर कि क्या संसदीय समिति आगे जाकर पेगासस जासूसी का मुद्दा उठा पाएगी, थरूर ने कहा कि दो साल से समिति नागरिकों के डाटा की निजता व सुरक्षा और साइबर सुरक्षा पर विचार-विमर्श कर रही है। यह मुद्दा समिति के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के एजेंडा में भी शामिल था। उन्होंने कहा, ऐसे में पेगासस जासूसी का मुद्दा स्पष्ट रूप से आईटी समिति के दायरे में आता है और इसलिए यह उम्मीद की जाती है कि जब ये विषय उठेंगे तो इसके सदस्य इसके बारे में सवाल पूछेंगे।
बता दें कि 28 जुलाई को आईटी समिति की बैठक होनी थी। इसमें पेगासस जासूसी समेत कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद थी। इस बैठक के लिए 'नागरिक डाटा सुरक्षा और निजता' विषय पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय, गृह मंत्रालय और दूरसंचार विभाग के अधिकारियों को भी तलब किया गया था। लेकिन समिति के संसदीय सदस्यों ने बैठक कक्ष में मौजूद होने के बाद भी उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर नहीं किए जिससे कोरम (संख्या बल) पूरा नहीं हुआ और बैठक नहीं हो पाई।
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