जानकारी के मुताबिक, दो दिन पहले नेपाल में पोखरा के पास गंडकी नदी से शालिग्राम पत्थर की दोनों शिलाओं को क्रेन की मदद से बड़े ट्रक में लोड किया गया था. इन पत्थरों को सबसे पहले पोखरा से नेपाल के जनकपुर लाया गया है. जनकपुर के मुख्य मंदिर में पूजा-अर्चना की गई. शुक्रवार को इन शिलाखंडों का दो दिवसीय अनुष्ठान प्रारंभ हुआ. विशेष अनुष्ठान के बाद ये शिलाएं बिहार के मधुबनी बॉर्डर से भारत में प्रवेश करेंगी और अलग-अलग जगहों पर रुकते हुए 31 जनवरी की दोपहर बाद गोरखपुर के गोरक्षपीठ पहुंचेंगी.
शिलाखंडों की यात्रा में जनकपुर और बिहार के साधु-संतों के अलावा विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारी भी साथ रहेंगे. नेपाल के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री 25 अन्य गणमान्य नागरिकों के साथ शिला को रवानगी के बाद भारत आ रहे हैं. जनकपुर में विशेष अनुष्ठान और पूजन के बाद 30 जनवरी की सुबह लगभग 8.30 बजे शालिग्राम शिलाएं बिहार के मधुबनी जिले के बॉर्डर से भारत में प्रवेश करेंगी. मधुबनी से साहरघाट प्रखंड पहुंचेंगी. वहां से कंपोल स्टेशन होते हुए दरभंगा के माधवी से फोरलेन पकड़कर मुजफ्फरपुर पहुंचेगी. मुजफ्फरपुर से त्रिपुरा कोठी गोपालगंज होते हुए सासामुसा बॉर्डर से यूपी में प्रवेश करेंगी.