भोपाल (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले की बिजुरी नगर पालिका में सात करोड़ से अधिक के घोटाले का मामला सामने आया है। इस मामले में नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा तत्कालीन पदाधिकारियों के अलावा एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों पर लोकायुक्त में मामला दर्ज कराया गया है। आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी में बताया गया है कि नगर पालिका बिजुरी में खरीदी में सात करोड़ रुपए से अधिक के भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। इस पर पर तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष एवं सीएमओ सहित एक दर्जन कर्मचारियों के विरुद्ध लोकायुक्त में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दण्ड संहिता की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया गया है।
उल्लेखनीय है कि बिजुरी नगर पालिका में भ्रष्टाचार की शिकायतों के आधार पर जांच के उपरांत प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास भरत यादव ने संयुक्त संचालक को दिए गए थे। शिकायत के बाद तीन सदस्यीय दल को जांच रिपोर्ट के बाद आदेश जारी किया गया है।
नगर पालिका के तत्कालीन अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिंह, सीएमओ मीना कोरी, उपयंत्री नीलेश सिंह, वंदना अवस्थी, मुख्य लिपिक शिव नरेश धनवार, सहायक राजस्व निरीक्षक प्रदीप द्विवेदी, भंडार प्रभारी राम बिहारी मिश्रा, मस्टर रोल कर्मचारी संजय महतो, विनोद पाण्डेय, विनोद सोंधिया, लोक निर्माण विभाग के उपयंत्री एनपी सिंह तथा सर्व शिक्षा अभियान के उपयंत्री रविंद्र यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया हैं। साथ ही वंदना अवस्थी, शिव नरेश धनवार,राम बिहारी मिश्रा और प्रदीप द्विवेदी को निलंबित कर दिया गया है। रविंद्र यादव की सेवाएं पूर्व में ही समाप्त कर दी गई थीं। एमपी सिंह पर कार्रवाई के लिए लोनिवि को पत्र लिखा गया है। प्रतिवेदन के अनुसार ई-नगर पालिका के माध्यम से होने वाले भुगतान को अध्यक्ष और सीएमओ ने मिलकर ऑफलाइन भुगतान कर दिया था।