शिमला। पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद भंग किया जा चुके हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग में उस वक्त नियुक्त अध्यक्ष और चार मेंबर्स की सेवाएं भी अंतत: सरकार ने समाप्त कर दी हैं। इस बारे में कार्मिक विभाग और विधि विभाग के बीच फाइल पर चली बहस के बाद अब निर्णय हो गया है। राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि इस आयोग को भंग करने की तारीख यानी 21 फरवरी, 2023 तक का ही वेतन आयोग के मेंबर्स को दिया जाएगा। दरअसल जब इस आयोग को भंग किया गया, तो यहां कुल पांच मेंबर्स थे। इनमें एक अध्यक्ष संजय ठाकुर और चार अन्य सदस्यों में पीडब्ल्यूडी के रिटायर प्रमुख अभियंता वर्मा के अलावा तीन नए मेंबर नियुक्त थे। इनमें रिटायर एचएएस अधिकारी पीसी अकेला, एचपीयू के प्रोफेसर रहे पीके वैद्य और राकेश भारद्वाज शामिल हैं।
इनकी शपथ 21 नवंबर, 2022 को हुई थी, ठीक उसी दिन जिस दिन हिमाचल में विधानसभा चुनाव का ऐलान हुआ था, लेकिन तीन नए सदस्यों की 21 फरवरी 2023 तक सैलरी स्लिप भी नहीं जेनरेट हुई थी। अब इनकी सेवाएं भी 21 फरवरी, 2023 तक ही मानी जाएंगी। मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद अब कार्मिक विभाग ने मेंबर्स को नियुक्त करने वाले रेगुलेशन को भी वापस ले लिया है। इस अधिसूचना की समीक्षा के लिए इस विधि विभाग भेजा गया है। यहां से आते ही यह जारी हो जाएगी। इससे पहले राज्य सरकार हमीरपुर आयोग में नियुक्त कर्मचारियों को सरप्लस पूल में डाल चुकी है और अब वित्त विभाग इनकी नियुक्ति बाकी विभागों में कर रहा है। पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी बनाए कर्मचारी जैसे उमा आजाद इत्यादि को सरप्लस पूल में भी नहीं लिया गया है। इनको लेकर फैसला विभागीय कार्रवाई के बाद होगा।