महिला वार्डन यौन उत्पीड़न का सनसनीखेज मामला, प्रिंसिपल का नाम आया सामने

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Update: 2022-04-14 17:12 GMT

हिसार: हरियाणा के हिसार में केंद्र सरकार द्वारा संचालित एक रिहायशी विद्यालय की महिला वार्डन यौन उत्पीड़न का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि उसने स्कूल के प्रिंसिपल व डीपीसी से संबंध नहीं बनाए तो उसे परेशान किया गया। प्रिंसिपल ने तो यहां तक कहा कि आप तलाकशुदा हो और बिना आदमी के कैसे गुजारा कर रही हो। मेरी पत्नी के दोनों छाती कैंसर की वजह से कटी हुई हैं, ऐसे में दोनों की जरूरतें पूरी हो जाएंगी। महिला थाना पुलिस ने स्कूल प्रिंसिपल सज्जन सिंह व डीपीसी ज्ञान सिंह समेत कई पर केस दर्ज कर लिया है। आरोपियों ने महिला वार्डन के आरोपों को निराधार बताया है।

एसपी को दी शिकायत
हिसार के एक गांव में स्थित स्कूल की वार्डन रही महिला ने एसपी को लिखे पत्र में जो आपबीती सुनाई है, उसमें प्रिंसिपल के साथ-साथ कई उच्चाधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। महिला ने कहा कि वह वर्ष 2021 में हॉस्टल वार्डन के पद पर 3 साल से कार्यरत थी। कार्यकाल के दौरान उसकी कभी कोई शिकायत नहीं हुई, लेकिन 2021 में प्रिंसिपल सज्जन सिंह उनके हेड के रूप में स्कूल में जॉइन किया।
मैं भी औरत के बिना परेशान
प्रिंसिपल ने शुरू में आते ही उसे हर परेशान करना शुरू कर दिया। उससे व्यक्तिगत जीवन के बारे में पूछा गया। उसने बताया कि मैं तलाकशुदा महिला हूं। इसके बाद उसे बार-बार दफ्तर में बुलाकर प्रिंसिपल यह कहते कि आप बिना आदमी के कैसे गुजारा कर रहे हो, आपको परेशानी तो बहुत होती होगी। मुझसे पूछो मैं भी औरत के बिना बड़ा परेशान हूं। मेरी पत्नी को दोनों छाती कटी हुई हैं, अब आप ही बताओ की बिना छाती की भी कोई औरत होती है।
प्रिंसिपल बोला-अब आपकी दिक्कतें बढ़ेगी
प्रिंसिपल ने महिला वार्डन से कहा कि आपकी और मेरी स्थिति एक जैसी है। हम दोनों ही परेशान हैं। हमारा एक साथ अच्छा गुजारा हो जाएगा। आप मुझे बता दिया करो कोई जरूरत हो तो, डीपीसी सर भी आप को परेशान नहीं करेंगे। वह बार-बार यहां नहीं आएंगे। हम दोनों यानी प्रिंसिपल और डीपीसी आपको खुश रखेंगे। आप हमारे बारे में सोचो। महिला का आरोप है कि ऐसा कह कर उसे परेशान करने लगे। हर रोज पूछने लगे आपने हमारे बारे में क्या सोचा। मैंने उत्तर देने में कई बार टालमटोल किया, परंतु सज्जन सिंह ने पीछा नहीं छोड़ा। फिर कई दिन बाद मैंने मना कर दिया तो उन्होंने कहा कि अब आप की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

शारीरिक संबंध के लिए किया परेशान
महिला का आरोप है कि 13 अगस्त को डीपीसी ने हॉस्टल की एक्सप्लेनेशन की और उसकी परेशानी बढ़ा दी। डीपीसी ज्ञान सिंह और एपीसी अनिल यादव पहले भी 30 जुलाई को स्कूल में दौरे को आए थे। दोनों ने उन्होंने बड़ी बदतमीजी से बात की। 6 अगस्त को दोनों स्कूल में आए थे। उन्होंने गंदी जुबान बोली। साथ ही कहा कि वह बच्चों को भूखा मारती है। कई प्रकार के गलत वाक्य उसे कहे। इसके बाद प्रिंसिपल ने परेशान करना शुरू कर दिया। कभी राशन के लिए परेशान करते, तो कभी छोटे-छोटे मुद्दों पर में बुलाकर परेशान करने लगे। इस बीच अनिल यादव के एक जानकार चंडीगढ़ से 1 अक्टूबर 2021 को स्कूल के दौरे पर आए। उनका नाम बालकिशन यादव था। उनकी ओर से भी परेशान किया गया। ये सब उस पर शरीरिक संबंध के लिए दबाव बनाने में लगे थे।
12 घंटे तक बंद रखा गेट
6 दिसंबर 2021 को अचानक उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। 6 दिसंबर की शाम को 6:00 बजे स्कूल प्रिंसिपल होस्टल में आया और चौकीदार को अंदर से ताला लगाने से आदेश दिए। रात को या सुबह भी दरवाजा नहीं खुलना चाहिए। इसको लेकर वह सारी रात डरी रही कि आखिर गेट पर ताला क्यों लगवाया गया है। उसे 12 घंटे के अंदर बंद रखा गया। क्या उद्देश्य था, यह पूछा जाएगा मुझे मेरे साथ हुए अन्याय किया जाए अकेला चाहिए थी।
इन धाराओं में केस दर्ज
महिला थाना की जांच अधिकारी सुशीला ने बताया कि पुलिस ने व्यापक छानबीन और दोनों तरफ का पक्ष जानने के बाद अब महिला थाना में हॉस्टल वार्डन की शिकायत पर धारा 354A, 354D, 342,34 IPC के सैक्सुली हैरेसमेंट का केस दर्ज किया है। इसमें अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
कंपनी ने हटाया है, आरोप गलत लगाए हैंः डीपीसी
स्कूल के डीपीसी ज्ञान सिंह ने कहा कि बर्खास्त हॉस्टल वार्डन ने हमारे ऊपर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। अनुबंध के तहत कार्यरत थी, जिनके काम और व्यवहार को देखते हुए मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी थी। वहां से एक्शन हुआ है। ठेका एजेंसी ने वार्डन को हटाकर किसी दूसरे को नियुक्त किया है। जिस दिन मैंने, एपीसी इत्यादि ने स्कूल का निरीक्षण किया था, तब वहां काफी खामियां मिली थी।
प्रताड़ना व संबंध का मामला नहीं
स्कूल की टीचर्स सहित अन्य स्टाफ भी वहां मौजूद था। प्रताड़ना व संबंध बनाने के लिए मजबूर करने का सवाल ही नहीं उठता है। नौकरी से निकालने के बाद डायरेक्टर, डीसी और एडीसी के पास गुहार लगाने गई थी। वहां बात नहीं बनी तो पुलिस के पास पहुंच झूठा केस दर्ज करवा दिया।
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